BSTC RAJSTHAN अभ्यर्थियों का आक्रोश, पुलिस ने 200 मीटर तक खदेड़ा, हिरासत में एक दर्जन छात्र


💥BSTC अभ्यर्थियों का आक्रोश, पुलिस ने 200 मीटर तक खदेड़ा, हिरासत में एक दर्जन छात्र👇
🔥 जोधपुर हाईकोर्ट द्वारा बीएसटीसी अभ्यर्थियों (BSTC candidates) के पक्ष में दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देने की मांग को लेकर आज बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने बीजेपी कार्यालय के बाहर धरने की चेतावनी दी थी लेकिन बीजेपी कार्यालय के बाहर तैनात भारी पुलिस जाब्ते ने इन अभ्यर्थियों को बीजेपी कार्यालय के बाहर आने से पहले ही रोका. इसके साथ ही करीब एक दर्जन से ज्यादा बीएसटीसी अभ्यर्थियों (BSTC Protest) को हिरासत में भी लिया.

🔥रीट लेवल-1 में बीएड और बीएसटीसी का विवाद है की रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. करीब दो महीनों तक जयपुर के शहीद स्मारक पर बीएसटीसी अभ्यर्थियों के धरने के बाद 25 नवम्बर 2021 को जोधपुर हाईकोर्ट ने बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए लेवल-1 में बीएसटीसी अभ्यर्थियों को योग्य माना लेकिन करीब सवा महीने बीत जाने के बाद पंजाब में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने की बात कही, जिसके बाद एक बार फिर से प्रदेश के बेरोजगारों आक्रोश देखने को मिल रहा है.

🔥केन्द्रीय मंत्री के बयान पर अपना विरोध जताने साथ ही मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर नहीं करने की मांग को लेकर आज बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने बीजेपी कार्यालय के घेराव की चेतावनी दी थी, जिसके बाद सुबह से ही बीजेपी कार्यालय के बाहर भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया था. बेरोजगारों को बीजेपी कार्यालय पर पहुंचने से पहले ही करीब एक दर्जन अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में लिया. उसके बाद जब अभ्यर्थी बीजेपी कार्यालय पर कूच करने के लिए सड़क पर निकले तो बीजेपी कार्यालय के करीब 200 मीटर पहले ही इनको रोकते हुए खदेड़ा गया. करीब एक किलोमीटर खदेड़ने के बाद जब अभ्यर्थियों ने अपने आंदोलन को खत्म करने की घोषणा की तो इसके बाद पुलिस ने करीब सभी अभ्यर्थियों को हिरासत में ले लिया. धरने में पहुंचे अभ्यर्थियों का कहना है कि "एनसीटीई के नोटिफिकेशन को खारिज करते हुए जोधपुर हाईकोर्ट ने बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया है लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में अगर ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचता है तो ना सिर्फ भर्ती प्रक्रिया को पूरा होने में समय लगेगा साथ ही बीएसटीसी अभ्यर्थी आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं है कि वो सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता से पैरवी करवा सके. ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले को मानते हुए जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए."

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