इसे पढ़कर अहसास होता है कि हम वास्तव में कहां आ पहुंचे हैं और अपने बच्चों को क्या दे रहे हैं। ONE HOME WORK LIKE AS FOR OUR SOCIETY CHILDREN'S

🤔एक होम-वर्क ऐसा भी:-

_समय निकाल कर पूरा पढें:-_

 चेन्नई के एक स्कूल ने अपने बच्चों को ग्रीष्म छुट्टियों का जो एसाइनमेंट दिया वो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा है। कारण बस इतना कि उसे बड़े सोच समझकर बनाया गया है। इसे पढ़कर अहसास होता है कि हम वास्तव में कहां आ पहुंचे हैं और अपने बच्चों को क्या दे रहे हैं।

अन्नाई वायलेट मैट्रीकुलेशन एंड हायर सेकेंडरी स्कूल ने  बच्चों के लिए नहीं बल्कि पेरेंट्स के लिए एक होमवर्क दिया है, जिसे हर एक पेरेंट को पढ़ना औऱ समझना चाहिए।

उन्होंने लिखा:-

◆ पिछले 10 महीने आपके बच्चों की देखभाल करने में हमें अच्छा लगा। आपने गौर किया होगा कि उन्हें स्कूल आना बहुत अच्छा लगता है। अगले कुछ ही दिनों में गर्मीयों की छुट्टी होने बाली है औऱ उनके प्राकृतिक संरक्षक यानी आप उनके साथ छुट्टियां बिताएंगे। कुछ टिप्स है जिससे ये छुट्टियों के समय उनके लिए उपयोगी और खुशनुमा साबित होगी।

◆- अपने बच्चों के साथ कम से कम दो बार खाना जरूर खाएं। उन्हें खेतों में उगाये गये अनाज, किसानों के महत्व और उनके कठिन परिश्रम के बारे में बताएं। और उन्हें बताएं कि अपना खाना पूरी तरह से खायें, प्लेट में जूठा न छोड़ें।

◆ 👉- खाने के बाद उन्हें अपनी प्लेटें कभी-कभी खुद धोने दें। इस तरह के कामों से बच्चे आपकी मेहनत की कीमत को समझेंगे औऱ जरूरत पड़ने पर ख़ुद कार्य को कर सकेंगें।

◆- उन्हें अपने साथ खाना बनाने में मदद करने दें। उन्हें उनके लिए सब्जी या फिर सलाद बनाने दें।

◆- पड़ोसियों के घर जाएं. उनके बारे में और जानें और घनिष्ठता बढ़ाएं तथा जरूरत पड़ने पर एक दूसरे का पूरक बनने की सलाह दें।

◆- दादा-दादी/ नाना-नानी इत्यादि संबंधियों के घर जाएं और उन्हें बच्चों के साथ घुलने मिलने का अवसर दें, उनका प्यार और भावनात्मक सहारा आपके बच्चों के लिए बहुत आवश्यक है।

◆- यदि संभव हो तो उन्हें अपने काम करने की जगह पर लेकर कभी-कभी जाएं जिससे वो समझ सकें कि आप परिवार के लिए कितनी मेहनत करते हैं।

◆- किसी भी स्थानीय पर्व-त्योहार या स्थानीय बाजार को मिस न करें।

◆- अपने बच्चों को किचन गार्डन बनाने के लिए बीज बोने के लिए प्रेरित करें। पेड़ पौधों के बारे में जानकारी होना भी आपके बच्चे के विकास के लिए जरूरी है।

◆- कभी-कभार अपने बचपन और अपने परिवार के इतिहास के बारे में बच्चों को बताएं।

◆- अपने बच्चों का बाहर जाकर खेलने दें, चोट लगे तो लगने दें, हाँथ-पाव गंदा होता है होने दें। कभी-कभार गिरना और दर्द सहना उनके लिए अच्छा है। 
*सोफे के कुशन जैसी आराम तल्ख़ी की जिंदगी बच्चों को आलसी बना देती है।*

◆- यदि हो सके तो उन्हें कभी कुछ लोक गीत सुनाएं।

◆- अपने बच्चों के लिए रंग बिरंगी अच्छी तस्वीरों वाली कुछ मनोरंजक कहानी की किताबें उन्हें पढ़ने दें।

◆- अपने बच्चों को मोबाइल फोन, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से 👉ज़रूरी ना हो तो दूर ही रहने की सलाह दें इन सबके लिए तो उनका पूरा जीवन पड़ा है, हालांकि फ़िलवक्त पढ़ाई का उचित माध्यम ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ही होता जा रहा है।

◆- 👉अपने बच्चों की आंखों में देखें और ईश्वर को 🙏🏻धन्यवाद दें कि उन्होंने इतना अच्छा सा उपहार आपको दिया औऱ अबसे आने वाले कुछ सालों में वो एक नई ऊंचाइयों पर होंगे।

👉माता-पिता होने के नाते ये जरूरी है कि आप अपनी ब्यस्तताओ के बावजूद समय निकाल कर बच्चों को दें औऱ अपने बच्चों पर गर्व करें।

★ 💓अगर इसे पढ़कर आप भावुक हो गए होंगें तो कारण स्पष्ट है कि आपके बच्चे वास्तव में इन सब चीजों से दूर हैं।

🔹इस एसाइनमेंट में लिखा एक-एक शब्द ये बता रहा है कि जब हम छोटे थे तो ये सब बातें हमारी जीवन शैली का हिस्सा हुआ करती थी, जिसके साथ हम बड़े हुए हैं, लेकिन आज हमारे ही बच्चे इन सब चीजों से दूर हैं, जिसकी वजह हम खुद हैं।

💐इस कठिन काल में बच्चों के साथ ऐसे कार्य करे जिससे की उनके अंदर त्याग,समर्पण- सेवा औऱ परोपकार की भावना जागृत हो।
       ‼️🙏🏻स-स्नेह-अभिवादन🙏🏻‼️
  
🔸आप सभी परिवार को महर्षि कश्यप औऱ माता अदिती पुत्र भगवान "सूर्यदेव" का दिवश "रविवार" मधुरमयी हो।
   🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🙏🏻🙏🏻

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