*हे सरकार! कब तक परीक्षा लोगे?:अब बीएडवालों को हाईकोर्ट से झटका, 9 लाख अभ्यर्थी रीट लेवल-1 से बाहर*
जयपुर/जोधपुर
26 नवंबर 2021
BY निर्भय सिंह,टीमपहल उत्तर प्रदेश
*शिक्षा विभाग की अदूरदर्शिता के कारण 9 लाख से अधिक बीएड डिग्रीधारियों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है।*
शिक्षा विभाग की अदूरदर्शिता के कारण 9 लाख से अधिक बीएड डिग्रीधारियों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने बीएडधारियों को राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के लेवल-1 के लिए योग्य नहीं माना है। इसके लिए बीएसटीसी अभ्यर्थी ही योग्य होंगे। अब रीट की पात्रता पा चुके बीएड अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती के लिए सिर्फ लेवल-2 में ही आवेदन कर सकेंगे।
दरअसल, बीएड अभ्यर्थियों ने नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एज्यूकेशन (एनसीटीई) की अधिसूचना को आधार बनाकर खुद को लेवल-1 में शामिल करने की मांग की थी। तब हाईकोर्ट ने सरकार को इन्हें लेवल-1 में शामिल करने के आदेश दिए थे, लेकिन तब सरकार ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी। अब करीब 9.13 अभ्यर्थी लेवल-1 की परीक्षा दे चुके हैं तो हाईकोर्ट ने इस अधिसूचना को ही रद्द कर दिया है।
ऐसे में ये अभ्यर्थी लेवल-1 की भर्ती से बाहर हो गए हैं। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी व न्यायाधीश सुदेश बंसल की डिवीजन बेंच ने लगातार तीन दिन तक मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को यह फैसला सुनाया।
लेवल-1 के लिए कुल 12.69 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसमें से 10.19 लाख ने परीक्षा दी और 3.30 लाख बीएसटीसी अभ्यर्थियों को पात्रता मिली। हाईकोर्ट के आदेश के चलते लेवल-1 में पंजीकृत बीएड अभ्यर्थियों का रिजल्ट रोक दिया गया था।
बीएड-बीएसटीसी विवाद कहां से प्रारंभ हुआ?
पहले लेवल-1 में केवल बीएसटीसी डिग्रीधारी ही शामिल थे। एनसीटीई ने 28 जून 2018 में आदेश जारी कर कहा कि लेवल-1 वन में बीएड डिग्रीधारियों को भी शामिल करने पर विचार किया जा सकता है। चयन के बाद दो साल के भीतर उन्हें 6 माह का ब्रिज कोर्स करना होगा।
क्या सरकार ने लेवल-1 में बीएड को शामिल किया?
नहीं। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से जनवरी 2021 में जारी विज्ञप्ति में लेवल-1 में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया गया।
फिर बीएड वाले लेवल-1 में कैसे शामिल हुए?
बीएडधारी हाईकोर्ट गए। उन्होंने एनसीटीई के नियमों का हवाला देते हुए लेवल-1 में शामिल करने की मांग की। कोर्ट ने बीएड वालों को भी लेवल-1 में शामिल करने को कहा। बीएसटीसी डिग्रीधारियों ने एनसीटीई के नियम को ही कोर्ट में चुनौती दी। इसी पर कोर्ट का फैसला आया है।
*सरकार की सबसे बड़ी चूक क्या थी? जिससे प्रदेश के 9 लाख अभ्यर्थी परेशान हुए?*
हाईकोर्ट ने लेवल-1 में बीएड वालों को शामिल करने के निर्देश दिए तो 9.13 लाख बीएड डिग्रीधारियों ने लेवल-1 के लिए आवेदन कर दिया। सरकार उसी समय सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देती तो शायद स्थिति दूसरी होती।
बीएड वालों के लिए आगे क्या रास्ता है?
बीएड वाले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट गया तो 31 हजार पदों पर प्रस्तावित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में देरी हाे सकती है। जब तक बीएड-बीएसटीसी मामले का निस्तारण नहीं हो जाता, तब तक लेवल-1 की भर्ती संभव नहीं। सरकार चाहे तो लेवल-2 की भर्ती निकाल सकती है। इसमें विवाद नहीं है।
अब कैसे होगी भर्ती : सरकार को तृतीय श्रेणी शिक्षक के 31 हजार पदों पर भर्ती करनी है। विज्ञप्ति प्रारंभिक शिक्षा विभाग निकालेगा। इसके लिए अलग से आवेदन होंगे। लेवल-1 में रीट के अंकों से ही मेरिट बनेगी। लेवल 2 में रीट के अंकों का 90% वेटेज व स्नातक के अंकों का 10% वेटेज जोड़कर मेरिट बनेगी।
रीट में हर लेवल पर फेल, पेपर-रिजल्ट में गड़बड़ी के बाद हाईकोर्ट में ठीक से पैरवी भी नहीं की
पहले : 2019 में घोषणा, फिर कई बहानों से 5 बार परीक्षा स्थगित
दिसंबर 2019 में रीट का ऐलान। 2 अगस्त 2020 को परीक्षा हाेनी थी। तब से 5 बार टली। अंतत: 26 सितंबर 2021 को परीक्षा हुई। परिणाम 1 नवंबर को जारी किया गया।
परीक्षा में : एक ही दिन में 16 लाख अभ्यर्थियों की परेड, इंटरनेट बंद, पेपर लीक
एक ही दिन में 16 लाख अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलाई। सड़क हादसे में 6 अभ्यर्थियों की मौत। नकल रोकने के लिए 12 घंटे के लिए प्रदेश में नेटबंदी, फिर भी पेपर लीक, डमी अभ्यर्थी मिले।
डमी अभ्यर्थी, नकल गिरोह पकड़े।
पेपर लीक में कांस्टेबल, सरकारी शिक्षक शामिल। अब तक 20 से अधिक गिरफ्तारियां, मास्टरमाइंड भजनलाल फरार।
बाद में : रिजल्ट में गड़बड़ी की, डेढ़ लाख अभ्यर्थियों की पात्रता संकट में डाली
बीएड के रिजल्ट बिना रीट का रिजल्ट जारी किया। डेढ़ लाख अभ्यर्थियों की पात्रता संकट में डाली। जिस अभ्यर्थी ने संस्कृत की परीक्षा दी, मार्कशीट में अंग्रेजी बताकर फेल किया।
हत्या भी- उदयपुर में कोचिंग संचालक ने रीट में पास कराने का झांसा दिया। अभ्यर्थी फेल हुए, पैसे वापस मांगे तो सहयोगी को मार डाला।
*हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे बीएड अभ्यर्थी*
बीएड-बीएसटीसी मामले को लेकर कोर्ट के निर्णय की प्रति नहीं मिली है। कोर्ट का आदेश मिलने पर विधि विभाग से इस पर राय ली जाएगी। -बीडी कल्ला, शिक्षामंत्री
सरकार ने बीएड डिग्रीधारियों के खिलाफ एकतरफा पैरवी की है। हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। -असलम चौपदार, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान रोजगार महासंघ
हाईकोर्ट के निर्णय से 3.30 लाख बीएसटीसी डिग्रीधारियों के परिवारों के साथ न्याय हुआ। अब सरकार जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करे। -रामदेव चोटिया, उपाध्यक्ष, बीएसटीसी संघर्ष समिति
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