फल विक्रेता हरेकाला हजब्बा को पद्मश्री मिलना भारत देश की आत्मा को सम्मानित करने जैसा है


फल बेचकर 150 रुपये दिन कमाते थे, एक दिन एक अंग्रेज ने Orange मांगा जिसे ये अंग्रेजी न जानने की वजह से समझ न सके...उसी दिन फैसला कर लिया कि परिस्थितियों ने भले ही इन्हें स्कूल नहीं जाने दिया लेकिन ये अपने गाँव के बच्चों के लिए स्कूल जरूर खोलेंगे।

कर्नाटक के फल विक्रेता हरेकाला हजब्बा को पद्मश्री मिलना भारत देश की आत्मा को सम्मानित करने जैसा है 🙏🙏🇮🇳🇮🇳

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