REET लेवल 1 में बीएड-बीएसटीसी मामला सरकार को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने प्रक्रिया पर रोक लगाने से किया इनकार, सुप्रीम कोर्ट में आज मामले पर हुई सुनवाई 22 फरवरी को अगली सुनवाई

💥REET लेवल 1 में बीएड-बीएसटीसी मामला सरकार को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने प्रक्रिया पर रोक लगाने से किया इनकार, सुप्रीम कोर्ट में आज मामले पर हुई सुनवाई 22 फरवरी को अगली सुनवाई
👉राजस्थान में REET के लिए B.Ed. अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार की ओर से NCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) को नोटिस जारी कर इस पूरे मामले पर जवाब मांगा है। अब 9 फरवरी तक होने वाले REET के आवेदन में B.Ed. की योग्यता रखने वाले 9 लाख अभ्यर्थी शामिल नहीं हो सकेंगे। अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी।
💥राजस्थान में REET के लेवल वन में B.Ed. धारियों को शामिल करने के खिलाफ BSTC (बेसिक स्कूल टीचिंग कोर्स) अभ्यर्थियों ने 2 महीने तक आंदोलन किया था। इसके बाद यह मामला राजस्थान हाईकोर्ट में पहुंचा था। जहां हाईकोर्ट ने BSTC अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए B.Ed. अभ्यर्थियों को लेवल-1 से बाहर कर दिया था। इसके बाद NCTE ने B.Ed. अभ्यर्थियों के समर्थन सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
💥NCTE का नोटिफिकेशन, जिससे शुरू हुआ विवाद NCTE ने साल 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी कर B.Ed. डिग्रीधारकों को भी REET लेवल प्रथम के लिए योग्य माना था। NCTE ने यह भी कहा था कि अगर B.Ed. डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के साथ 6 माह का ब्रिज कोर्स करना होगा। NCTE के इस नोटिफिकेशन को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। B.Ed. डिग्रीधारियों ने भी खुद को REET लेवल प्रथम में शामिल करने को लेकर याचिका लगाई। इस पर फैसला नहीं हो पाया। राजस्थान सरकार ने REET 2021 का नोटिफिकेशन जारी किया, तो उसमें B.Ed. डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को इस शर्त के साथ परीक्षा में बैठने दिया कि आखिरी फैसला हाईकोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगा।
💥B.Ed. डिग्रीधारी हुए लेवल-1 से बाहर 26 सितंबर को REET का आयोजन हुआ। इसमें लेवल-1 में लगभग 9 लाख B.Ed. योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी भी शामिल हुए। इसको लेकर BSTC अभ्यर्थियों ने विरोध शुरू कर दिया। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा। दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई की गई। हाईकोर्ट के जज अकील कुरैशी और सुदेश बंसल की खंडपीठ ने NCTE के नोटिफिकेशन को अव्यवहारिक बताते हुए BSTC अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद दोनों परीक्षा देने वाले करीब 9 लाख अभ्यर्थी लेवल-1 के लिए अयोग्य ठहरा दिए गए हैं।
💥कोर्ट के फैसले का क्या होगा असर
REET लेवल -1 में BSTC के साथ B.Ed. डिग्री धारक को भी योग्य माने जाने पर कॉम्पिटिशन बढ़ गया था। ऐसे में BSTC के इस लेवल के योग्य अभ्यर्थी वंचित रह रहे थे। इस फैसले के बाद BSTC के उन अभ्यर्थियों को फायदा होगा, जो इसमें योग्य हैं। कॉम्पिटिशन कम होने से BSTC के अभ्यर्थियों की भर्ती होगी।

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