Private School,,,v/sसरकारी विद्यालय,,,,

Private School,,,
v/s
सरकारी विद्यालय,,,,

#Private_School - इन विद्यालय में मोटी-मोटी रकम ली जाती हैं और बच्चे भी सुविधा सम्पन्न होकर जाते हैं। यानि हर चीज में परफेक्ट होकर जाना होता है। एक कॉपी भी मिस हुआ तो कंप्लेन डायरी में नोट हो जाती है। यहां के शिक्षक को पढ़ाने के अलावा कोई काम नहीं दिया जाता है। रही बात निजी विद्यालय के शिक्षक की तो उन्हें बंधुआ मजदूर बना कर रखा जाता है।

#सरकारी_विद्यालय- इन विद्यालयों में कोई फी नहीं ली जाती है। फिर भी बच्चे बिना कॉपी किताब या बिना कलम के आ जाना आम बात है। अभिभावकों से शिकायत करने के लिए डायरी छोड़िए कॉपी भी नहीं होती है।
यहाँ के शिक्षक को पढ़ाने के अलावा 28 से 30 तरह के गैर शैक्षणिक कार्य भी लिए जाते हैं। जहाँ तक वेतन की बात है तो यहां भी सरकार शिक्षकों का शोषण करती है। आप इसी से अंदाजा लगाइए कि पढ़ाने के अलावे 28-30 तरह के जो काम लिए जाते हैं उस हिसाब से कुछ भी नहीं है। क्योंकि उन गैर शैक्षणिक कार्यों को करने के लिए स्वतंत्र एजेंसी रुपये लेगी या फ्री में काम कर देंगे?
आपको बता दें कि सरकार ने सरकारी शिक्षक की बहाली तो पढ़ाने के लिए ही किया है फिर गैर शैक्षणिक कार्य क्यों लिया जाता है?
जबाब का इंतजार रहेगा।🙏

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