बच्चों को ग्रीष्म कालीन अवकाश होने पर ग्रह कार्य दिया गया सभी अभिभावक अपने बच्चों को पारिवारिक शिष्टाचार वातावरण प्रदान करते हुए ग्रह कार्य अवश्य कराएं। SUMMER HOLIDAYS HOME WORK FOR CLASS 1 TO 8 CHILDREN'S

बच्चो की पहली पाठशाला उसका घर ही होता है इसीलिए अपने बच्चो को ऐसा वातावरण प्रदान करें जिससे आपका बच्चा एक सभ्य समाज का हिस्सा बनकर सफलता प्राप्त करें।
कक्षा 1 से 8 तक सभी बच्चों को दिया गया ग्रह कार्य
       ( आप लिंक से भी डाउनलोड कर सकते हैं )
बच्चे ये गृह कार्य अपने अभिभावकों के साथ मिलकर कर सकेंगे। अध्यापकों द्वारा सुझाए गए विषयों पर इस गृहकार्य को बच्चे 1 से 40 पेज/कॉपी में बनाकर अपने कक्षा अध्यापक को ग्रीष्म अवकाश खत्म होने पर विद्यालय में प्रस्तुत करेंगे।✍️🔘

कक्षा 1 ग्रह कार्य▶️
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कक्षा 2 ग्रह कार्य▶️
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कक्षा 3 ग्रह कार्य▶️
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कक्षा 4 ग्रह कार्य▶️
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कक्षा 5 ग्रह कार्य▶️
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कक्षा 6 और 7 और 8 का ग्रह कार्य▶️
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Teach These Manners To Childrens: अपना बच्चा सभी को प्यारा होता है. हर माता-पिता ये चाहते हैं कि उनकी संतान (Children) कामयाब होने के साथ-साथ बेहतर इंसान और संस्कारवान (Cultured) बनें. इसके बावजद पेरेंट्स के न चाहने के बावजूद बच्चों में कुछ ऐसी आदतें पड़ जाती हैं जो न केवल माता-पिता के लिए शर्मिंदगी की वजह बनती हैं, बल्कि बच्चे के लिए भी कतई ठीक नहीं है. तो बच्चों में अच्छी आदतें (Good Habits) और संस्कार डालें कैसे...? किन बातों का रखें ख्याल आइये जानते हैं-
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बचपन से ही बच्चों की भाषा पर दें ध्यान

बच्चे जब छोटे होते हैं तो उनकी प्यारी और तोतली जुबान से बोला गया हर शब्द बेहद प्यारा लगता है. कई बार बच्चे अनजाने में अशिष्ट या बेहूदा शब्दों का भी इस्तेमाल कर लेते हैं. बच्चों की बोलने के प्यारे ढंग के कारण पेरेंट्स उन्हें टोकने या सुधारने के बजाय ऐसे शब्दों पर खूब हंसते हैं. इससे बच्चे में अशिष्ट भाषा बोलने की प्रवृत्ति बढ़ती है. लिहाजा बच्चे को कभी भी अशिष्ट भाषा बोलने के लिए प्रोत्साहित न करें.
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बच्चे के संस्कार और शिष्टाचार उसके ख़ुद के जीवन की ही नहीं बल्कि पूरे समाज की दिशा और दशा तय करते हैं। बच्चों में संस्कार और शिष्टाचार उनके माता-पिता से आते हैं और इनको विकसित करने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है। बचपन में दी गई शिक्षा व्यक्ति के साथ आजीवन रहती है इसलिए बच्चों को सही दिशा देना बहुत ज़रूरी है।
अभिभावक चार साल की उम्र के बाद नन्हों को घर में ही क्या-क्या सिखा सकते हैं, जानिए इस लेख में

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कृपया-शुक्रिया कहना

यह एक आम लेकिन अहम शिष्टाचार है जो बच्चों को सबसे पहले सिखाना चाहिए। बचपन से ही ‘प्लीज़ या कृपया’ और ‘थैंक यू या धन्यवाद’ कहने का महत्व बताएं। बताएं कि जब हम किसी से कुछ पूछते या विनती करते हैं, तो उस वक़्त निवेदन के तौर पर प्लीज़ कहना चाहिए और किसी की मदद लेने पर या कोई भी चीज़ लेते समय थैंक यू कहना चाहिए। अगर अभिभावक बच्चे से स्वयं कुछ लेने पर थैंक यू और निवेदन करते हुए प्लीज़ कहेंगे तो वह ख़ुद-ब-ख़ुद इसे अपना लेगा। ग़लती करने पर माफ़ी मांगना भी आना चाहिए।
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कुछ लेने से पहले पूछना

अगर बच्चे को कुछ चाहिए तो उसमें पहले पूछने की आदत डालें। उसको बताएं कि वो हमेशा किसी की कोई भी चीज़ लेने से पहले उससे पूछ ले क्योंकि वह किसी और का सामान है। किसी और का सामान वो बिना पूछे और बिना इजाज़त के नहीं उठा सकता। फिर चाहे वह सामान उसके दोस्त, रिश्तेदार या माता-पिता का ही क्यों न हो, लेने से पहले पूछना ज़रूरी है। बच्चे को यह भी सिखाएं कि उसने जो वस्तु ली है, उसे ‘थैंक यू’ कहते हुए वापस करे और यहां-वहां न रखते हुए पूर्व स्थान पर ही रखेे।
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पहले दरवाज़ा खटखटाना

बच्चों को विशेषकर घर में निजता के मायने सीखने चाहिए। किसी के कमरे में जाने से पहले बाक़ायदा दरवाज़ा खटखटाकर अंदर आने के लिए पूछना ज़रूरी है, यह घर में सिखा सकते हैं। अगर बच्चे का कमरा अलग है तो आप उसके कमरे में खटखटाकर जाएं। उससे कहें कि ‘इसी तरह दूसरों के कमरे में या किसी के घर में भी प्रवेश करने से पहले आपको खटखटाकर ही अंदर जाना है।’ जब बच्चा घर से बाहर की दुनिया में क़दम रखेगा तो यह शिष्टाचार अहम भूमिका निभाएगा।
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बात करने की तहज़ीब

चिल्लाना, ग़ुस्सा करना और शोर मचाना किसी से बात करने का सही तरीक़ा नहीं है। बच्चा जितना भी ग़ुस्से में हो उसे प्यार से बात करना और अपनी बात को आराम से कहना सिखाएं। आप बच्चे के सामने ऐसा ही व्यवहार करके उसे भी अच्छी तरह बोलना सिखा सकते हैं। इसके अलावा बच्चे को सिखाएं कि जब कोई दूसरा व्यक्ति बात कर रहा हो तो उसकी बात पूरी होने तक का इंतज़ार करे, फिर अपनी बात को रखें। अगर कोई कुछ पूछ रहा है तो शांति से उसका जवाब दें।
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लोगों का मज़ाक नहीं उड़ाना

किसी को देखकर मज़ाक उड़ाने की आदत कई बच्चों में देखी होगी। बचपन की आदत उस वक़्त तो प्यारी लगती है, लेकिन बड़े होने पर बेअदबी में बदल जाती है। बेहतर होगा कि बच्चे में इसकी सीख पहले से डालें। हालांकि यह आदत बच्चे बड़ों से ही सीखते हैं। ऐसे में बड़े उनके सामने किसी के बारे में कुछ कहने या मज़ाक बनाने से बचें।
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सफ़ाई संबंधी सीख

साफ़-सफ़ाई से रहना भी सिखाएं। बच्चे को सिखाएं कि जब भी खांसी या छींक आती है तो रुमाल से अपना मुंह ढकना चाहिए। बच्चे की जेब में एक रुमाल रख दें, शर्ट-टी या शर्ट पर उसे पिन से फंसा दें। साथ ही नाक में उंगली डालने या खाना फैलाकर खाने जैसी बुरी आदतों से भी अवगत कराएं।
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केवल बड़ों का नहीं, सभी का सम्मान करना सिखाएं

हम अक्सर बच्चों को घर के बड़ों का सम्मान करना तो सिखा देते हैं, लेकिन सम्मान के दायरे को बढ़ाना भी जरूरी है. घर में काम करने वाले हाउस हेल्पर, ठेला या रिक्शा चलाने वाले, फल-सब्जी विक्रेता जैसे कामों को कई लोग दोयम दर्जे का समझते हैं. बच्चे में इस तरह का नज़रिया पैदा न होने दे उन्हें बताएं कि हर तरह का काम करने वालों से तमीज व शालीनता से बात करनी चाहिए. 
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संवेदशील बनाएं

बच्चे को आस-पास के लोगों के प्रति संवेदनशील बनाएं. बच्चे को समझाएं किसी इंसान का पशु का दुख देखकर खुश होना अच्छी बात नहीं है. हो सके तो उनकी परेशानी दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए. गलती होने पर क्षमा मांगने का सहज भाव भी बच्चों में होना चाहिए.
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भावनाओं पर नियंत्रण भी जरूरी है

संवेदनशील होने के साथ भावनाओं पर काबू होना भी बेहद जरूरी है. बच्चों को समझाएं कि क्रोध में आपा नहीं खोना चाहिए. बच्चों को ऐसा सिखाने के लिए जरूरी है कि आप स्वयं भी उनके सामने अपने क्रोध, भाषा और भावनाओं पर काबू रखें. 
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कृतज्ञता का भाव हो

बच्चों में लालच, ईर्ष्या, अहंकार जैसी भावनाएं न पनप सकें इसे लिए उस कृतज्ञ होना सिखाएं. उसे शुक्रिया, थैंक यू, धन्यवाद जैसे शब्द न केवल कहना सिखाएं, बल्कि ये वो इन शब्दों को महसूस भी कर सके. बच्चे को प्रकृति, परिवार, परिजन या परिश्रम से उसे जो कुछ प्राप्त हो रहा है उसके लिए उसे कृतज्ञता व सहजताा का भाव होना चाहिए.
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एक महत्वपूर्ण सूचना 
प्रवेश हेतु अपने नजदीकी सरकारी विद्यालय में संपर्क करें
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19 मई 2024 से 17 जून 2024 तक कुल 30 दिनों का ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा। इस दौरान अभिभावकों बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप पर अपने - अपने बच्चों को विभिन्न विषयों कक्षा के अनुसार का होमवर्क करवाने में अच्छा वातावरण प्रदान करते हुए सहयोग करें।
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Regards
JagvëërÇhãûdhãry
Thank You!

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