अंतरिक्ष में बिजली बनेगी और धरती पर आएगी,बिना तारों के ! कैसे ?

अंतरिक्ष में बिजली बनेगी और धरती पर आएगी,बिना तारों के! कैसे? 

1. इस आइडिया का नाम क्या है?
इसे कहा जाता है "Space-Based Solar Power" (SBSP)
यानि अंतरिक्ष आधारित सौर ऊर्जा। 

2. काम कैसे करेगा?
* वैज्ञानिक एक बहुत बड़ा सोलर पैनल (solar farm) अंतरिक्ष में लगाएंगे, जो सूरज की रोशनी को सीधे पकड़कर बिजली में बदल देगा।
* फिर इस बिजली को Microwave या Laser की ऊर्जा तरंगों में बदला जाएगा।
* ये तरंगें बिना किसी तार के सीधे धरती पर लगे रिसीवर स्टेशनों पर भेजी जाएँगी।(इन्हें Rectenna कहा जाता है यानी Rectifying Antenna)
* रिसीवर स्टेशन इन तरंगों को फिर से बिजली में बदल देगा,जो हम उपयोग कर सकते हैं। 

3. तारों के बिना कैसे संभव है?
* तारों से बिजली भेजी जाती है जबकि space से बिजली को Microwave/Laser बीम में बदलकर हवा से भेजा जाता है। 
* Microwave और Laser तरंगें बिना केबल या वायर के बहुत लंबी दूरी तय कर सकती हैं। बिलकुल वैसे ही जैसे मोबाइल फोन सिग्नल हवा में चलते हैं। 

4. अंतरिक्ष में सोलर पावर लगाने के फायदे क्या हैं?
* 24x7 बिजली: अंतरिक्ष में कोई रात नहीं होती,बादल नहीं होते यानी सूरज से लगातार बिजली मिलेगी।
बेहतर सौर दक्षता: धरती के मुकाबले 8 गुना ज्यादा ऊर्जा कैप्चर कर सकते हैं।
कम प्रदूषण: पूरी तरह साफ ऊर्जा,कार्बन उत्सर्जन नहीं। 

5. चुनौती क्या है?
* खर्चा बहुत ज़्यादा है सोलर स्टेशन को अंतरिक्ष में ले जाना महंगा पड़ता है।
* Microwave या Laser बीम को बहुत सटीक निशाना साधना पड़ेगा,नहीं तो सुरक्षा खतरे में आ सकती है।
* तकनीक को और सुरक्षित बनाना होगा ताकि कोई गलती न हो। 

6. कौन-कौन इसपर काम कर रहा है?
* NASA (अमेरिका): SSPP (Space Solar Power Project)।
* China: 2030 तक अंतरिक्ष सौर स्टेशन लॉन्च करने का प्लान।
* Japan: Wireless Microwave Transmission टेक्नोलॉजी में बड़े प्रयोग कर चुका है।
* UK: Space Solar Power Initiative। 

रोचक तथ्य
* जापान ने 2015 में पहली बार अंतरिक्ष से माइक्रोवेव द्वारा 1.8 किलोवाट बिजली धरती पर भेजने का सफल परीक्षण किया था।
* भविष्य में अंतरिक्ष से सीधी बिजली सप्लाई,रेगिस्तान,महासागर या दूरदराज इलाकों तक बिना तारों के संभव हो सकती है। 

निष्कर्ष
अंतरिक्ष से बिजली लाने का सपना अब कल्पना नहीं रहा। अगर सब कुछ सफल होता है तो एक दिन हम बिना तारों के,बिना रुकावट के क्लीन और अनलिमिटेड ऊर्जा धरती पर ला सकेंगे। यह तकनीक न केवल ऊर्जा संकट का हल बनेगी,बल्कि पूरी मानव सभ्यता के विकास को नई दिशा दे सकती है। 

जब तारों से नहीं,तो तरंगों से ही सही अंतरिक्ष की ऊर्जा अब धरती की रगों में दौड़ेगी।

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