Education and Communication (शिक्षा और संचार)

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Education and Communication (शिक्षा और संचार)

Do you know how important is education and communication for our youth. So it is our duty to provide them good education. Education and communication is the first steps for any youth and child to know the world and about things around them, with the help of education and communication people learn how to talk, how to behave, how to love etc. and I am sure these articles will be helpful for you to understand about education and communication.



सक्सेस टिप्स : भीड़ से अलग सोच आपको बना सकती है सफल इंसान

जरूरी नहीं कि हम अपने आसपास होने वाली घटनाओं या समस्याओं को उसी घिसे-पिटे तरीके से देखें। हमारा अलग नजरिया उस परिस्थिति को आसान बना सकता है। लोग अक्सर यह गलती करते हैं। कोई अगर अलग काम करने लगता है, तो उसका मजाक बनाते हैं। मगर आउट ऑफ द बॉक्स सोच रखने वाले लोग अक्सर कुछ ऐसे कमाल कर देते हैं, जिसके बारे में आम लोग सोच भी नहीं पाते हैं। भीड़ से अलग सोच या लीक से हटकर चलने की आदत ही उनकी सफलता की वजह होती है। यही बात हमारी आज की कहानी में भी बताई गई है।
जापान की एक साबुन बनाने वाली कंपनी अपनी क्वॉलिटी और वल्र्ड क्लास प्रॉसेसेज के लिए जानी जाती थी। एक बार उनके सामने एक अजीब समस्या आई। उन्हें कम्प्लेंट मिली कि एक कस्टमर ने जब साबुन का डिब्बा खरीदा तो वो खाली था। कम्प्लेंट की जांच की गई तो पता चला कि चूक कंपनी की तरफ से ही हुई थी। असेंबली लाइन से जब साबुन डिलीवरी डिपार्टमेंट को भेजे जा रहे थे तब एक डिब्बा खाली ही चला गया। इस घटना से कंपनी की काफी किरकिरी हुई।


कंपनी के अधिकारी बड़े परेशान हुए कि आखिर ऐसा कैसे हो गया। तुरंत एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई। गहन चर्चा हुई और भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए लोगों से उपाए मांगे गए। बहुत विचार-विमर्श के बाद निश्चय किया गया कि असेंबली लाइन के अंत में एक एक्स-रे मशीन लगाई जाएगी जो एक हाई रेजॉल्यूशन मॉनिटर से कनेक्टेड होगी। मॉनिटर के सामने बैठा व्यक्ति देख पाएगा की डिब्बा खाली है या भरा। कुछ ही दिनों में ये सिस्टम इम्प्लीमेंट होने वाला था। इसी दौरान जब एक छोटी रैंक के कर्मचारी को इस समस्या का पता चला तो उसने इस समस्या का हल एक बड़े ही सस्ते और आसान तरीके से निकाल दिया।
उसने एक तेज चलने वाले पंखे को असेंबली लाइन के सामने लगाने का सुझाव दिया। अब हर एक डिब्बे को पंखे की तेज हवा के सामने से होकर गुजरना पड़ता। जैसे ही खाली डिब्बा सामने आता, हवा उसे उड़ाकर दूर फेंक देती। इस शख्स की क्रिएटिव थिंकिंग से न सिर्फ कंपनी की करोड़ों की रकम बची, बल्कि उसे काम में तरक्की भी मिली।

इस कहानी से हमें सीख मिलती है :
क्रिएटिव थिंकिंग की सबसे अच्छी बात ये है कि इसका किताबी ज्ञान से कोई लेना-देना नहीं होता। हममें से हर एक व्यक्ति अपनी समस्याओं को सरल तरीकों से सुलझा सकता है, पर अक्सर होता यही है कि हम सबसे पहले दिमाग में आने वाले हल को ही सबसे अच्छा मानकर बैठ जाते हैं। होना तो यह चाहिए कि जो पहला विचार आए, सबसे पहले उसे नकार देना चाहिए, ताकि आप आगे सोच सकें।



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