Government School Admission Age Awareness

इस पोस्ट के माध्यम से हम विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर चल रही गतिविधियों से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं जो के सभी अभिभावकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

तो कृपया ध्यान दें
बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया से जुड़ी हुई यह महत्वपूर्ण जानकारी है।
किसी भी सरकारी विद्यालय में बच्चे का प्रवेश दिलाने के लिए अर्थात एडमिशन के लिए कम से कम उम्र लगभग प्राथमिक विद्यालय में 6 वर्ष होनी चाहिए।

जिसके लिए सभी के पास आधार कार्ड या जन्म प्रमाण पत्र सामान्य तौर पर होना अनिवार्य है।
यदि नहीं भी होता है तो प्रवेश पहले दिला लेते हैं बच्चे का आधार कार्ड बाद में बनवाते हैं तो प्रवेश कराते समय बच्चे की जन्म की तारीख को बढ़ाकर लिखवा देते हैं व बाद में आधार कार्ड बनवाते समय उसमें 2 या 3 साल कम करवा देते हैं जो कि ऐसी शिकायतें कई जगह से सुनने में आ रही है लेकिन यह सिर्फ आपको हम बता रहे हैं लेकिन इसका कोई प्रमाणित सत्य हमारे पास नहीं है।
इसका मतलब सिर्फ आपको यह समझाना है जब भी अपने बच्चे का आप प्रवेश दिलाएं तो उसके भविष्य को देखते हुए उसकी जन्म की तारीख से बढ़ाकर नहीं लिखवाए जो कि आपके बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा।

उदाहरण के तौर पर हम आपको बता रहे हैं मान लीजिए आपने बच्चे की जन्म की तारीख प्राथमिक विद्यालय अर्थात सरकारी प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश के लिए जिसमें राशन व ड्रेस पुस्तक व खाद्यान्न सामग्री से जुड़ी सेवाएं बच्चे को मुफ्त मिलती हैं और साथ ही सरकार के द्वारा डिजिटल माध्यम से वह विभिन्न प्रकार के अध्ययन सामग्री भी सरकार के द्वारा बच्चों के लिए मुहैया कराई जाती हैं इस प्रकार की सुविधाएं लेने के लिए कुछ अभिभावक बंधु अपने बच्चों की जन्म तिथि जब बच्चे का आधार कार्ड नहीं बना होता है तो उसकी वास्तविक जन्मतिथि से बढ़ाकर लिखवा देते हैं बाद में जब आधार कार्ड बनवाते हैं तो उसकी वास्तविक जन्मतिथि से 2 या 3 साल कम कर के आधार कार्ड बनवा लेते हैं जो कि गलत है ऐसा किसी लालच बस नहीं करना चाहिए थोड़े से लालच के चक्कर में आप अपने बच्चे की उम्र को बढ़ा रहे हैं मान लीजिए किसी भी सरकारी भर्ती में जब आवेदन लिया जाता है तो बच्चे की वास्तविक उम्र के अनुसार एक सरकार के द्वारा मानक तय किया जाता है जिस उम्र के आधार पर बच्चे उस परीक्षा में बैठ सकते हैं वह नौकरी के योग्य माने जाते हैं मान लीजिए आप अपने बच्चे की जन्म की तारीख को बढ़ाकर लिखवा देते हैं तो फिर आपका बच्चा जब तक बड़ा होगा जब वह समझने लायक होगा आपने उसकी उम्र को 10 साल वास्तविक होने के बाद 15 साल लिखवा दिया अब मान लीजिए जब वह 20 साल का होगा वास्तविक रूप से और आपके द्वारा लिखवाने के बाद वह 25 वर्ष में पहुंच जाएगा अर्थात अपने बच्चे की भविष्य के साथ 5 वर्ष बढ़ाकर लिखवाने के बाद जब बच्चा परिपक्व होता है समझदार होता है तब उसकी उम्र सीमा किसी भी सरकारी भर्ती परीक्षा से अर्थात मानक तौर पर योग्य होने की योग्यता वह खो देता है अर्थात आप अब यह समझ गए होंगे इस तरीके की हरकतें आपको बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए यदि आप अपने बच्चे का भविष्य बनाना चाहते हो तो किसी भी बच्चे की जन्म की तारीख को आप को बढ़ाकर नहीं लिखवाना चाहिए जिससे उसके भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आए अर्थात हमने आपको सारी चीजें बहुत ही विस्तार पूर्वक समझाई हैं मान लीजिए एनडीए की आवेदन उम्र सीमा अधिकतम 19 या 20 वर्ष है और आपके बच्चे की आपने उम्र वास्तविक उम्र से 5 वर्ष बड़ा कर लिखवा दी है तो जब आपका बच्चा वास्तविक रूप से 15 वर्ष का होगा यह समझने लायक होगा अपनी योग्यता पर वह पहुंचने के लिए प्रयासरत होगा तब तक उसकी उम्र सीमा उस भर्ती परीक्षा की मानक योग्यता से निकल चुकी होगी अर्थात आपको यह बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
विस्तार पूर्वक आपको हमने समझा दिया।
अब आइए संक्षेप में जानते हैं।
बच्चे की वास्तविक उम्र से बढ़ाकर लिखवाने के क्या है नुकसान
जब तक बच्चा समझदार होगा तो उसकी उम्र सीमा भर्ती परीक्षा की मानक योग्यता के अनुसार निकल चुकी होगी।

आपने बच्चे की उम्र बढ़कर लिखवाई जिसका नुकसान उसे सरकारी नौकरी में जल्दी रिटायरमेंट उम्र सीमा पर पहुंचा देगा।

✍️ सबसे महत्वपूर्ण बात उम्र बढ़ाकर लिखवाने का असर सबसे तो लेट वह सरकारी नौकरी में लगेगा वह सबसे जल्दी सरकारी नौकरी से रिटायर भी हो जाएगा जिसमें दोनों तरफ से सिर्फ उस बच्चे के इस लालच बस आपने जो हरकत की उसका नुकसान उसे अपने पूरे जीवन में उठाना पड़ेगा।

उम्र सीमा बढ़ाकर लिखवाने का तीसरा नुकसान जब तक बच्चा अपनी मानक योग्यता पार कर ही रहा होगा।
तब तक उसकी उम्र सरकारी भर्ती परीक्षा की मानक योग्यता पार कर चुकी होगी अर्थात जिससे वह उस भर्ती परीक्षा में योग्य नहीं रहेगा।

सार के तौर पर आपको बताएं उम्र सीमा बढ़ाकर लिखवाने का असर उसे सरकारी नौकरी में जब तक बच्चा परिपक्व होगा वह अपनी मानक योग्यता के नजदीक पहुंचने वाला ही होगा कि उसकी उम्र आवेदन करने वाली मानक योग्यता को पार कर चुकी होगी अर्थात वह भर्ती परीक्षा से वंचित रह जाएगा और अपने सुनहरे भविष्य को अंधकार में बना लेगा जिसके दोषी वह बच्चा नहीं अभिभावक बंधु माने जाएंगे लेकिन जब तक यह समझ में आएगा यह सब कुछ हाथ से परे जा चुका होगा।


इसलिए किसी भी बच्चे की वास्तविक उम्र सीमा से किसी लालच बस थोड़े से राशन पानी के प्राप्त करने के चक्कर में आप अभिभावक बंधु उसके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे होंगे जिसका आपको बोध तक नहीं होगा और ना ही आपका बच्चा यह समझने अर्थात इस समय वह यह सब नहीं समझता है। इसलिए यह सारी बातें अभिभावकों को समझनी होंगी और अपने बच्चों को सरकारी प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश दिलाने के लिए उसकी वास्तविक जन्मतिथि से कभी भी बढ़ाकर लिखवाने का प्रयास मत करिएगा। यह आप सभी अभिभावक बंधुओं को हमारी तरफ से एक विनम्र वह बहुत ही सकारात्मक संदेश है जो कि आपके बच्चों के भविष्य के लिए आपको जानकारी नहीं होने की वजह से आप ऐसा कर देते हो तो ऐसा आपको कभी नहीं करना है और यदि ऐसा कोई करने की सोच रहा है तो उसे अपने स्तर से आप समझाने का प्रयास करेंगे ऐसी आप सब से हम कामना करते हैं तो कृपया इस पोस्ट को और इस जानकारी को सभी अभिभावक बंधुओं के पास अवश्य शेयर करिएगा जो कि आपके बच्चों के भविष्य के लिए आपके बुढ़ापे के सहारे के लिए अर्थात आपके बच्चे आपका घर का भविष्य और सब का भविष्य इस देश का भविष्य वास्तविकता पर टिका है न के लालच बस किसी क्योंकि आप सभी को यह वह अवश्य होगा लालच के चक्कर में इंसान अपनी वास्तविक चीजों को खो देता है जो कि उसे समय निकल जाने के बाद समझ आता है तो पोस्ट काफी अधिक लंबी हो गई है तो हम प्रयास यही करते हैं कि आप समझ गए होंगे संचित और पर हमने आपको समझा दिया है कृपया करके इस जानकारी को सभी अभिभावक बंधुओं को अवश्य शेयर करिएगा यह बहुत ही सकारात्मक संदेश हमने आप सभी को दिया है इसी को ध्यान में रखते हुए आपको अपने बच्चों के भविष्य हुआ खुद के भविष्य को सकारात्मक दिशा में ले जाना है ना की नकारात्मक दिशा में जिसका उत्तरदायित्व शिक्षकों अभिभावकों वह एक सभ्य समाज का बनता है तो हम संपूर्ण आशा करते हैं आप हमारे इस संदेश को सकारात्मक रूप से लेंगे।

धन्यवाद।

Post a Comment

0 Comments