आगरा में टूटा हुआ पैर, गोद में बच्चा और बैसाखी के सहारे खिसकते हुए एक शिक्षिका गुरुवार को चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए संजय प्लेस से कलक्ट्रेट तक भटकती रही। ऑफिस में डीएम नहीं मिले, तो सीढ़ियों पर बैठकर रोती रही। अमर उजाला की मदद से एडीएम सिटी ने पीड़िता की सुनवाई की। जिसके बाद उसका प्रार्थनापत्र लेकर नियमानुसार कार्यवाही के लिए डीआईओएस को भेजा गया है।
बाराबंकी निवासी 30 वर्षीय आरती ने बताया कि वह सरकारी विद्यालय में शिक्षिका है। पति जयपुर में काम करता है। दो साल के बच्चे के साथ अकेली रहती है। एक महीने पहले सड़क दुर्घटना में उसका पैर टूट गया। पैर में सरिया पड़ी है। बैसाखी के सहारे चल रही है और चुनाव ड्यूटी करने में असमर्थ है। चिकित्सक ने उसे बेड रेस्ट बताया है।
गुरुवार की सुबह 11 बजे वह ड्यूटी कटवाने के लिए प्रभारी कार्मिक एवं सीडीओ के कार्यालय संजय प्लेस स्थित विकास भवन पहुंची। वहां से उसे कलक्ट्रेट भेज दिया। आरती ने बताया कि ड्यूटी डीएम साहब के यहां कटेगी। रिक्शे में बैठकर वह कलक्ट्रेट पहुंची, तो डीएम ऑफिस में नहीं थे। वह निराश होकर सीढ़ियों पर बैठ कर रोने लगी।
तब एक पत्रकार ने उसे रोते देख तो उसकी पीड़ा को सुना और एडीएम सिटी अंजनी कुमार के समक्ष पीड़िता की समस्या रखी। एडीएम सिटी ने सहानुभूति पूर्वक आरती की बात सुनी और उसके प्रार्थनापत्र को नियमानुसार कार्यवाही के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक के पास भेजा। कलक्ट्रेट में गुरुवार को पांच लोगों ने ड्यूटी कटवाने के लिए प्रार्थनापत्र एनआईसी सभागार में जमा कराए हैं।
जिले में ड्यूटी कटवाने के लिए 400 से अधिक आवेदन जिला प्रशासन को प्राप्त हुए हैं। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह का कहना है कि बीमार, घायल, पति-पत्नी से एक व्यक्ति की ड्यूटी नहीं लगेगी। बीमार कर्मचारियों की ड्यूटी काटने के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। बोर्ड जांचने के बाद ड्यूटी हटा सकता है।
उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद, जिला शाखा की ओर से जिला निर्वाचन अधिकारी को संबोधित ज्ञापन मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में दिया गया। प्रधानाचार्यों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त किए जाने की मांग की गई है। परिषद के जिलाध्यक्ष डॉ. रक्षपाल सिंह त्यागी का कहना है कि यदि प्रधानाचार्यों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त नहीं किया जाता है, तो उनकी ड्यूटी ग्रेड पे को देखते हुए ही लगाई जाए।
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Source- Amar Ujala
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