TET की मान्यता अब सात साल की बजाय ताउम्र होगी, शिक्षा मंत्रालय ने जारी किया आदेश👇👇
शिक्षक बनने के इच्छुक नौजवानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। 👇👇
केंद्र सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के लिए मान्यता को सात के बजाय ताउम्र कर दिया है। शिक्षा मंत्रालय ने आज आदेश जारी किया है।
सीटेट 2011 से यानी बैक डेट से प्रमाण पत्र आजीवन मान्य💯
संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू 🔥
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अब एक बार टीईटी पास करने पर यह जीवन भर के लिए मान्य रहेगा। शिक्षा मंत्रालय के इस फैसले से शिक्षक की नौकरी का सपना देखने वाले लाखों युवाओं को फायदा होगा।
⚡शिक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यह व्यवस्था 2011 से लागू होगी।⚡
अब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जिनके राज्य उम्मीदवारों का टीईटी सर्टिफिकेट सात साल बाद समाप्त हो रहा है, *उन्हें नया फ्रेश सर्टिफिकेट जारी करने होंगे।*
शिक्षक बनने के लिए युवाओं को हर सात साल में शिक्षक अर्हता परीक्षा (टीईटी) पास करने की जरूरत नहीं होगी। यह व्यवस्था पूरे देश भर में लागू होगी। आपको बता दें कि टीईटी पास का सर्टिफिकेट अभी तक सिर्फ सात साल के लिए मान्य होता था।
यानी टीईटी करने के बाद यदि कोई व्यक्ति सात साल के भीतर शिक्षक नियुक्त नहीं होता है तो फिर से उसे टीईटी परीक्षा पास करनी होती थी। इसी प्रकार नई नौकरी के लिए आवेदन में भी यह प्रक्रिया आड़े आती थी। अब ऐसा नहीं है, एक बार टीईटी पास करने बाद इसका प्रमाणपत्र आजीवन मान्य रहेगा। आपको बता दें कि हर साल केंद्र सरकार या राज्यों द्वारा आयोजित होने वाली टीईटी परीक्षाओं में लाखों उम्मीदवार बैठते हैं। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) पांच साल के लिए मान्य होती है। वहीं सीटीईटी की वैधता 7 साल के लिए होती है।
सीबीएसई हर साल दो बार सीटीईटी परीक्षा आयोजित करता है। पहली परीक्षा जुलाई और दूसरी दिसंबर के महीने में आयोजित की जाती है। सीटेट के पेपर -1 में भाग लेने वाले सफल उम्मीदवार कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माने जाते हैं। जबकि पेपर -2 में बैठने वाले सफल अभ्यर्थी कक्षा 6 से 8वीं तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माने जाते हैं।
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