REET लेवल-2 रद्द करने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी:पूछा- जब एक ही एजेंसी ने दोनों परीक्षा कराई तो लेवल-2 ही रद्द क्यों, सरकार से मांगा जवाब

💥REET लेवल-2 रद्द करने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी:पूछा- जब एक ही एजेंसी ने दोनों परीक्षा कराई तो लेवल-2 ही रद्द क्यों, सरकार से मांगा जवाब📚👉REET लेवल-2 को रद्द करने को पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि जब दोनों परीक्षा एक ही एजेंसी ने कराई तो लेवल 2 को ही क्यों रद्द किया गया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव और शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के साथ ही रीट के कोऑर्डिनेटर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

जस्टिस इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश सुरभि पारीक, रविंद्र कुमार सैनी समेत रीट लेवल 2 के अभ्यर्थियों की याचिका पर दिया है। अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने एक ही एजेंसी के जरिए रीट लेवल एक और लेवल दो की परीक्षा आयोजित करवाई थी। जिसमें 25 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। सरकार ने 7 फरवरी को सिर्फ लेवल-2 की परीक्षा को रद्द कर दिया। लम्बे समय से तैयारी कर रहे युवाओं के साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने कहा कि फिलहाल SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की ओर से इस पूरे मामले की जांच पूरी नहीं हुई है। फिर भी सरकार ने लेवल-1 की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी। जबकि लेवल-2 को रद्द कर दिया है। अब तक यह भी साबित नहीं हुआ है कि पेपर लीक में कितने लोग शामिल थे। परीक्षा में शामिल कितने अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का फायदा उठाया है।

*कुछ लोगों की वजह से सबका नुकसान क्यों?*

अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि नीट-2021 के मामले में सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि जहां लाखों लोग परीक्षा में शामिल हुए हैं। उस परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता। ऐसे में पेपर लीक करने और उसका लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों को अलग कर ईमानदारी से पास हुए अभ्यर्थियों को लेकर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

*लेवल-1 क्यों नहीं हुई रद्द?*

सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा गया कि रीट के दोनों लेवल की परीक्षा आयोजित कराने वाली एक ही एजेंसी है। सरकार ने लेवल-2 के मामले में परीक्षा कराने में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार कर परीक्षा को रद्द किया है। लेवल-1 की परीक्षा जारी रखते हुए उसका परिणाम जारी कर दिया गया है। ऐसे में राज्य सरकार के पेपर रद्द करने के आदेश को निरस्त किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

*सितम्बर में हुआ था एग्जाम*

बता दें कि राजस्थान में ग्रेड थर्ड टीचर के 31 हजार पदों के लिए 25 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों की पिछले साल सितंबर को रीट परीक्षा आयोजित करवाई गई थी। इसके 36 दिन बाद रीट का रिजल्ट जारी कर दिया गया था। इसमें से 11 लाख चार हजार 216 को पात्र घोषित किया गया था। इनमें लेवल-1 के लिए 3 लाख तीन हजार 604 और लेवल-2 के लिए 7 लाख 73 हजार 612 को पात्र घोषित किया गया था। लेकिन भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी हो ।

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