संचारी रोग या संक्रामक रोग क्या है, इसकी जानकारी और रोकथाम के उपाय Sanchari Rog Niytran Abhiyan

संचारी रोग या संक्रामक रोग क्या है, इसकी जानकारी और रोकथाम के उपाय


जैसे ही बरसात के दिन शुरू होते है या मौसम में परिवर्तन होते है तो अत्यधिक बरसात के कारण जगह जगह पानी भर जाते है जिससे तरह तरह के अनेक नये कीटाणु रुके हुए पानी से पैदा होने लगते है जो अपने साथ अनेक रोगों को भी जन्म देते है जिसका प्रभाव मानव शरीर पर सबसे ज्यादा पड़ता है इस तरह से इन रोगों को मौसमी बीमारी, संक्रामक बीमारी या संचारी रोग कहते है,
तो चलिए संचारी रोग | Communicable diseases क्या है इसके बारे में जानते है और इस रोग के अंदर कौन कौन से रोग को शामिल किया गया है इसकी रोकथाम और बचाव कैसे कर सकते है सभी के बारे में जानते है.
संचारी रोग यानि संक्रामक रोग, रोग जो किसी ना किसी रोगजनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ (Protozoa), कवक (Fungus), जीवाणु (Bacterium), विषाणु (Virus) इत्यादि के कारण होते है। संक्रामक रोगों (Infectious diseases) में एक शरीर से अन्य शरीर में फैलने की क्षमता होती है। मलेरिया, टायफायड, चेचक, इन्फ्लुएन्जा इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं

जहा हर साल बरसात होती है मौसम बदलते है जिसमे तरह तरह के ऐसे नये अनेक विषाणु भी पैदा हो जाते है जो की अनेक नये रोगों को जन्म देते है जो की संक्रमण रोग यानि संक्रामक रोग फैलाते है.
संक्रामक रोग बहुत हवा, पानी से मिलकर बहुत ही तेजी के साथ के साथ फैलते है जिसका सीधा असर मानव शरीर पर देखने को मिलता है जिसमे ज्यादा छोटे बच्चे, बूढ़े ही प्रभावित होते है क्युकी इस आयु क के लोगो की शरीर की क्षमता संक्रामक रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है जिस कारण से इस आयु के लोग इन फैलने वाले बीमारियों के चपेट में जल्दी से आ जाते है
जैसा की हमने ऊपर भी बताया की ऐसे रोग जो हवा, गंदे पानी के पानी के माध्यम से तेजी से फैलते हुए उन रोगों को इन सूचि में शमिल किया है जो इस प्रकार है-

डेंगू ज्वर (Dengue fever)

सूजाक (Gonorrhea)

इनफ्लुएंजा (Influenza)

कुष्ट रोग (Malignant disease)

मलेरिया (Malaria)

खसरा (Measles)

तानिकाशोथ (Meningitis)

प्लेग (Plague)

उपदंश (Syphilis

टेटनस (Tetanus)

क्षय रोग (Tuberculosis)

पीत ज्वर (Yellow fever)

हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A)

हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B)

हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C)

हेपेटाइटिस डी (Hepatitis D)

हेपेटाइटिस ई (Hepatitis E)

संचारी रोग या संक्रामक रोगों के लक्षण
Signs of Communicable diseases or Infectious Diseases in Hindi
चुकी संचारी रोग या संक्रामक रोगों बहुत तेजी से फैलने वाले रोग होते है जो की सामान्यता बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते है तो सामान्य इस रोगों के लक्षण में दस्त, बुखार, दिमागी बुखार, ज्वर, चढ़ उतरकर बुखार आना, जुकाम, अनियमित खांसी, बहुत तेज खांसी, उल्टी जैसे अनेक लक्षण होते है जो की इन बीमारियों के आगमन का पता चलता है.


जैसा की इन सभी रोगों के पैदा होने की वजह गंदे पानी होते है तो इनका असर बरसात के दिनों में सबसे अधिक देखने को मिलता है और इससे सिर्फ एक दो लोग ही एक साथ पूरा शहर का शहर या गाँव प्रभावित होते है तो इन रोगों की रोकथाम की जिम्मेदारी सिर्फ एक व्यक्ति नही बल्कि उस समाज के सभी लोगो और सरकारों की जिम्मेदारी होती है जब सभी मिलकर इन रोगों के खिलाफ जुटते है तभी इन रोगों पर नियन्त्रण किया जा सकता है.


संचारी रोग के लिए सबसे ज्यादा बदलते मौसम उत्तरदायी होते है तो ऐसे में यदि सभी अपने स्तर पर इन रोगों की रोकथाम के लिए उपाय करते है तो निश्चित ही काफी हद तक इन रोगों के फैलने पर नियंत्रण पाया जा सकता है तो चलिए संचारी रोग या संक्रामक रोग से बचाव के उपायो को जानते है.

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1 :- संचारी रोग या संक्रामक रोग से बचाव के लिए गंदे पानी का इक्कठा होना सबसे बड़ा कारक बनता है ऐसे में बरसात के दिनों में छतो, टूटे फूटे सामानों में पानी को इक्कठा नही होने देना चाहिए

2 :- संचारी रोग या संक्रामक रोग गंदी नालियों में कीड़ो, विषाणु के पैदा होने से होते है ऐसे में यदि घरो के आस पास कोई नाली टूटी फूटी या खुली हुई है तो उन्हें सही करके ढककर रखना चाहिए जिससे इनसे निकलने वाले कीटाणु हवा में फैलने से रोक सकते है.


3 :- संचारी रोग या संक्रामक रोगों के लिए स्वच्छता भी काफी अहम भूमिका निभाती है ऐसे में अपने आस पास के इलाको घरो, बाहरी स्थानों को साफ़ सुथरा रखना चाहिए जिससे इन साफ सुथरे जगहों पर मच्छर आदि अपना घर नही बना सकते है जो की काफी हद तक मलेरिया जैसे खतरनाक बुखारो के लिए उत्तरदायी होते है.

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4 :- संचारी रोग या संक्रामक रोग से बचने के लिए लोगो को खुले में शौच करने से रोकना चाहिए जो की अनेक बीमारी के जन्म का कारण बनते है

5 :- संचारी रोग या संक्रामक रोग जैसे मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, दिमागी या मस्तिस्क ज्वर जो की मच्छरों के काटने से फैलते है इसलिए अशुद्ध पेयजल, जलभराव, कूड़े कचरे का इक्कठा होने पर रोक लगानी चाहिए.

6 :- संचारी रोग या संक्रामक रोग से बचने के लिए रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग जरुर करना चाहिए

7 :- मच्छरों के फैलने से रोकने के लिए कीटनाशक धुएं, निम् के पत्तो के धुए आदि करना चाहिए जिससे शाम को इन मच्छरों का सबसे अधिक प्रकोप होता है इन धुएं के प्रभाव से ये विषैले मच्छर इन क्षेत्रो में प्रवेश नही करते है

8 :- संचारी रोग या संक्रामक रोग के बचाव के लिए छोटो बच्चो के लिए जन्म से अनेक टीके मौजूद होते है इसलिए डॉक्टरो के उचित सलाह के साथ सभी बच्चो को इन रोकथाम के टीको को जरुर लगवाना चाहिए

9 :- बहुत सारे संचारी रोग या संक्रामक रोग गंदे पानी के पीने से भी होते है जिनमे दस्त, उल्टी आदि प्रमुख है इसलिए लोगो के लिए पानी पिने का स्वच्छ जल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए तथा पीने के इन पानी को हमेसा ढककर रखना चाहिए और इज इन रोगों के प्रभाव से कोई आ भी जाता है तो पानी को हमेसा उबालकर फिर ठंडा करके ही पानी पीना चाहिए

10 :- संचारी रोग या संक्रामक रोग के प्रभाव में कोई भी आ जाता है बिना देरी किये डॉक्टर के पास जरुर जाना चाहिए और उनके सलाह के आधार पर दवाई, चिकित्सा और खानपान पर ध्यान देना चाहिए

तो ऐसे में जहा मानव विकास की नई नई रास्ते तय करते जा रहे है तो आये दिन ऐसे ऐसे तमाम नये रोगों का सामना भी करना पड़ रहा है ऐसे में इन सभी रोगों के लिए सबसे पहले सावधानी ही सबसे अच्छा उपाय है.

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आपका अपना
जगवीर चौधरी ।
धन्यवाद !

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