आज नागपंचमी है तो साँपों के बारे में कुछ भ्रम दूर कर लें NAGPANCHAMI VISHESH SNAKE


आज नागपंचमी है तो साँपों के बारे में कुछ भ्रम दूर कर लें:
सांप काटने पर होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करें हमारे 

श्री कला नर्सिंग होम & होम्यो रिसर्च सेण्टर , बलदेव रोड मथुरा 

निदेशक :- डॉ. जे. एस. जाट


उससे पहले ये अवश्य जान लें ! 

1. साँप दूध नहीं पीते! ये उनका भोजन नहीं है! इससे उसका पेट ख़राब हो सकता है, वो मर सकता है! जब आप उसे अपनी झबिया में पालकर रखोगे और खाने के लिए सिर्फ़ दूध दोगे तो मजबूरी में पियेगा ही बेचारा! 

2. साँप मारने वाली की कोई फोटो नहीं खींचता! और बदला भी नहीं लेता! चिरकुट तो आप हैं अगर आप उसे बिलावजह मारते हैं!

3. साँप काटे तो सीधे होम्योपैथिक डॉक्टर के पास जाइए बच जायेंगे! झाड़ फूँक के चक्कर में पड़ेंगे तो मरेंगे ही!

4. भारत में कुल 7 ही ज़हरीले साँप पाए जाते हैं: 

कोबरा, करैत, रसेल वाइपर, पिट वाइपर, सॉ-स्केल वाइपर! 

कोबरा श्रेणी में 3 साँप रख सकते है: ऐनक वाला कोबरा (गेहुअन), काला कोबरा (फेंटार) और किंग कोबरा! इन सातों की पहचान आप जान जाइये तो आपका डर 90% वैसे ही कम हो जायेगा!

5. ज़हरीले साँप के काटने से अधिक लोग बिना ज़हर वाले साँप के काटने से डर की वजह से मारे जाते हैं! इसलिए कहा जाता है कि साँप कोई भी काटे और सीधे डॉक्टर के पास जाओ. आसानी से बच जाओगे! वर्ना ज़हर न भी हो तो डर से मर सकते हो सोखा-ओझा के चक्कर में!

6. साँप जहाँ काटे उसे रस्सी या किसी भी चीज़ से न बांधे बल्कि साफ़ पानी से घाव धुलें और तुरंत डॉक्टर के पास भागें 

7. साँप का ज़हर इंसान अपने पाचनतंत्र में पचा सकता है! यानि अगर आप कोबरा को सीधे सिर की तरफ से बिना ज़हर निकाले खा जायें तो भी आप उसे अन्य मीट की तरह ही पचा सकते हैं! साँप का जहर आपके खून में नहीं जाना चाहिए बस! 

8. नाग नागिन की चर्बी से गठिया रोग दूर होता है ऐसा मेडिकल साइंस साबित नहीं करता इसलिए साँपों को अपनी मूर्खतापूर्ण समझ के चलते न मारें! और न ही साँपों को खाने से कोई एक्स्ट्रा औषधीय लाभ (जैसे सेक्स पॉवर) होता है जैसा चाइना वाले पगलपन करते हैं!

9. जिसको आप साँपों का लड़ना समझते हैं, वो अक्सर उनका मेटिंग एक्ट होता है, ऐसा करते देख उन्हें मारे नहीं!

10. बिना छेड़े या ख़तरा महसूस किये कोई भी साँप आपको काटने के लिए पैदा नहीं हुआ है! वो अपने भोजन को मारने और अपने डिफेंस में ज़हर का प्रयोग करता है!

11. साँप गाय के थन को लपेटकर दूध नहीं पीता! ये एक फ़ालतू की बात है! साँप को दूध पचता ही नहीं! 

12. किसी भी साँप के पूँछ मारने से कोई गलन या सड़न नहीं होती!

13. साँप के बाहरी कान नहीं होते! इसलिए वो आवाज़ नहीं सुन सकते इसलिए संपेरे की बीन का उसपर कोई असर नहीं होता! वो तो बस बीन की मूवमेंट देखकर सिर घुमाता है! हाँ साँप कंपन महसूस कर सकता है! अतः साँप को भगाने के चिल्लाओ नहीं बल्कि पैर पटक दो वो भाग जायेगा!

14. इंसानों की मक्कारी या दगेबाज़ी की तुलना साँपों से मत करिए! और "साँप भी मर जाए लाठी भी न टूटे" जैसे वाहियात कहावतों से दूर रहिये! साँप को लाठी मारने से बेहतर है कि साँपों के बारें में अपने अन्धविश्वास को लाठी मारिये ।

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