यमुना एक्सप्रेसवे पर 11 सालों में हुई 3 हजार करोड़ की टैक्स वसूली, देखिए वर्ष 2012 से लेकर अब तक का डाटा

बड़ी खबर : यमुना एक्सप्रेसवे पर 11 सालों में हुई 3 हजार करोड़ की टैक्स वसूली, देखिए वर्ष 2012 से लेकर अब तक का डाटा


ग्रेटर नोएडा : यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) पर सफर करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसी कारण ग्रेटर नोएडा से आगरा (Greater Noida to Agra) तक 165 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स के रूप में होने वाली कमाई हर साल एक नया रिकॉर्ड कायम कर रही है। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो वर्ष 2011 की तुलना में 2023 में एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स के रूप में होने वाली कमाई में लगभग 87 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले 11 वर्षों में इस एक्सप्रेसवे पर कुल 3040 करोड़ रुपये का टोल टैक्स वसूला गया है।

*36 वर्षों के लिए जेपी को मिला जिम्मा*

यमुना प्राधिकरण के अफसरों ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे की देखरेख का जिम्मा 36 वर्षों के लिए जेपी को दिया गया है। इसका निर्माण भी जेपी कंपनी ने ही किया था। इसलिए एक्सप्रेसवे की मरम्मत से लेकर नई सुविधाओं के विकास का कार्य जेपी द्वारा किया जाता है। वर्ष 2017 से इस एक्सप्रेसवे पर 300 करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक कमाई हो रही है। जबकि वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 400 करोड़ रुपये से अधिक रहा।  

*कोरोना महामारी का पड़ा था असर*

हालांकि, वर्ष 2012 के बाद से ही यहां वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान 2019 और 2020 के दौरान लगभग 2 वर्षों तक कमाई का यह सिलसिला थोड़ा स्थिर रहा। बावजूद इसके विषम परिस्थितियों में भी कमाई का आंकड़ा 300 करोड़ रुपये के आसपास बना रहा।

*अबकी पार 500 करोड़ से पार होगा आंकड़ा*

अब जब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सितंबर से उड़ानें शुरू होने वाली हैं तो वर्ष 2024 में एक्सप्रेसवे पर टोल कमाई का आंकड़ा 500 करोड़ रुपये के पार जाने की पूरी संभावना है। साथ ही क्षेत्र में फिल्म सिटी, हेरिटेज सिटी और अन्य आर्थिक गतिविधियों के विकास से भी एक्सप्रेसवे पर यातायात ज्यादा बढ़ेगा। इसके अलावा जेपी द्वारा टोल टैक्स दरों में वृद्धि के लिए प्राधिकरण पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है।

*यमुना एक्सप्रेसवे पर वर्षवार हुई टोल टैक्स वसूली* 

*वर्ष         टोल टैक्स (करोड़ में)*

2012-13        58.80 
2013-14        135.17
2014-15        168.65
2015-16        232.96
2016-17        292.72
2017-18        325.73
2018-19        345.70
2019-20        337.72
2020-21        334.18
2021-22        380.03
2022-23        428.91

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