हम सब जानते है की भारत में एक ईमानदार अफसर को एक दिन कुछ नेताओ की षड़यंत्र कारी राजनीती का शिकार होना ही पड़ता है पर हमें इन षड्यंत्र कारी नेताओ से डरकर कभी चुप नहीं बैठना चाहिए जबकि हम जानते है की नोटेबंदी हुई उसमे एक भी कोई नेता क्यों नहीं पकड़ा गया : न्याय करना ही तो सबके साथ बराबर होना चाहिए सच्चाई हम सब जानते है

सीबीआई छापों के बीच चंद्रकला ने एक बार फिर अपने Linkedin प्रोफाइल से कविता पोस्‍ट की। कुछ दिन पहले भी उन्होंने एक कविता शेयर करते हुए इस छापे को चुनावी हाथकंडा बताया था। 

सोशल मीडिया पर हमेशा सुर्खियां बटोरने वाली बी चंद्रकला इस समय फेसबुक और ट्विटर छोड़कर Linkedin का सहारा ले रही हैं। उन्होंने आज पोस्ट शेयर की।
एक ईमानदार अफसर ने अपने मन की बात कुछ इस तरह सबके सामने शेयर की :

''ईमान "

म वो पत्थर हैं, जो मौजों के हौसले को तोड़ते हैं,
नाविक हैं, जनाब !  समंदर के सीने को चीरते हैं ।।
लहरों के खेल हम खूब समझते हैं 
तुम उठते हो, गिरते हो ,
आते हो, जाते हो,
हम तो डटे रहते हैं।

तुम्हें तलब होगी चंद झोंको की ,
मेरी ईमान, मुक्कमल तूफान है ,
जिस दिन बह चलूंगी, तबीयत से ,
कई पाप के दरख्त , गिर पड़ेंगे ,

तेरी तो बस, तिनके भर दुकान है।  
झूठे और बेईमानो के लिए
तूफान हूँ मैं 

छुओ ना मेरी हस्ती को  ,
फूंक दूंगी, तेरी बस्ती को

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