बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में चयनित शिक्षकों से जुड़ी यह बहुत बड़ी महत्वपूर्ण खबर जो के मथुरा जिले से जुड़ी हुई है जो कि उत्तर प्रदेश के यूटा संघ ने यह आवाज उठाई है।
✍️यूटा संघ का यह कहना है कि
1📜बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय शिक्षकों को समय से वेतन नहीं मिल पाता है ।
2📜वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में कार्यों की लेटलतीफी के चलते शिक्षकों को आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ता है।
3📜विभाग हर माह किसी न किसी समस्या का बहाना बनाकर शिक्षकों का वेतन हर बार 10 से 15 दिन की देरी से देता है ।
4📜 जबकि शासन ने सरकारी कर्मचारियों को अविलंब माह की पहली तारीख को ही वेतन भुगतान के आदेश किए हुए हैं।
5📜 वेतन भुगतान की प्रक्रिया को आसान करने के लिए विभाग ने प्रक्रिया को ऑनलाइन भी कर दिया है इसके बाद भी लेखा कार्यालय किसी भी माह में समय से वेतन भुगतान नहीं करता है।
6📜 टीचर्स एसोसिएशन जिला अध्यक्ष अंशुल गौतम के द्वारा बताया गया कि यदि इसी प्रकार प्रत्येक महा विलंब हुआ तो संगठन इसके विरुद्ध आंदोलन करेगा।
7📜 वही दसरे तौर पर देखा जाए तो जतिन ने कहा कि प्रदेश के तो जनपदों में शिक्षकों को वेतन समय से निर्गत होता है न जाने क्यों मथुरा जनपद में ही हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर शिक्षकों का वेतन 15 दिन की देरी से दिया जाता है जिसमें माना जाए तो वित्त एवं लेखाधिकारी हर माह वेतन में बहाना बनाकर विलंब से निर्गत कर आते हैं। दौरान डॉ भगत सिंह आर्य, प्रशांत सारस्वत ,नेत्रपाल सिंह , निमोरिया , कृपाल सिंह , पवन व कृष्ण माधव , योगेश, पटेल वीर सिंह गौरव अंकित अग्रवाल, अजीत सिंह राजेश सिकरवार ,आदि शिक्षकों ने इस पर कड़ी निंदा करते हुए विशेष रूप से विरोध दर्ज कराया है और उन्होंने कड़ी चेतावनी दी है कि इस माह अर्थात जुलाई में भी यदि समय से नहीं आता है तो यूटा इस लेटलतीफी की प्रक्रिया को लेकर कड़ा विरोध करेगा वह आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।
ऐसा बताया जा रहा है कि इस बार जुलाई माह का वेतन मथुरा वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की सैलरी स्लिप जनरेट होकर 6 जुलाई तक पहुंच जाएगी और साथ ही ऐसा भी बताया जा रहा है कि 10 जुलाई तक मथुरा के वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय द्वारा जुलाई माह का वेतन परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के खाते में 10 जुलाई तक पहुंच जाएगा अब यह जानकारी कितनी ऑथेंटिक है इस जानकारी की पुष्टि हम नहीं करते हैं जो कि यह कितनी महत्वपूर्ण है वह कितनी नहीं इस खबर का कोई प्रमाणिक तौर पर साक्ष्य नहीं मिला है।
धन्यवाद।
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