BREAKING NEWS OF MATHURA मथुरा में हुआ सनसनीखेज खुलासा अध्यापिका पर बढके BEO शिक्षकों ने जताया आक्रोश

मथुरा में हुआ सनसनीखेज खुलासा
अध्यापिका पर बढ़कर BEO शिक्षकों ने जताया आक्रोश
शिक्षिका मानव संपदा पोर्टल पर फीडिग सही कराने के लिए लिपिक के पास आई थी।
समाज न्यूज़ एजेंसी — मथुरा
मथुरा ब्लॉक में कार्यरत एक शिक्षिका मानव संपदा पोर्टल पर अपनी फील्डिंग सही कराने के लिए बीआरसी के लिपिक के पास गई।
अचानक पहुंचे बीईओ ने शिक्षिका को देखकर डांटते हुए कहा कि मेरी केबिन में आए बिना बी०आर०सी कक्ष में कैसे आई ।

इस पर शिक्षकों में रोष है एक अन्य शिक्षक ने अपना आकस्मिक अवकाश का प्रार्थना पत्र 6:30 पर डाला अवकाश स्वीकृत करने के स्थान पर खंड शिक्षा अधिकारी ब्लॉक मथुरा प्रमोद कुमार ने उसे सुबह 8:15 पर अस्वीकृत कर दिया साथ ही सुबह 8:05 बजे उसी विद्यालय का निरीक्षण कर संबंधित अध्यापक को अनुपस्थित किया गया।
बताया जा रहा है कि BEO को पूर्व कार्यरत जनपद कासगंज के ब्लॉक पटियाली ,गंजडुंडवारा, सिढपुरा में भ्रष्टाचार खराब कार्यप्रणाली व अध्यापकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की शिकायत की जांच में सही पाए जाने पर वहां के तत्कालीन डीएम ने करवाई की और अन्यत्र-स्थानांतरण के लिए लिखा था।
तब इन्हें जनपद मथुरा में तैनाती दी गई जिसमें यह वर्तमान में जनपद मथुरा के मथुरा ब्लॉक में कार्यरत हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अतुल सारस्वत एवं जिला महामंत्री लक्ष्मीनारायण ने बताया कि डीओ की कार्यप्रणाली के संबंध में शीघ्र ही जिलाधिकारी को अवगत कराएंगे।
और इनके विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराने की मांग की जाएगी ।
प्रांतीय उपाध्यक्ष देवेंद्र सारस्वत का कहना है कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा और प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को अवगत कराया जाएग।
इस प्रकार की न्यूज़ अध्यापिकाओं की सुरक्षा और सम्मान व अधिकार क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर भावनात्मक ठेस पहुंचाने वाली है।
जो कि यह न्यूज़ आप नीचे दी जा रही इस पेपर की कटिंग से भी वेरीफाई कर सकते हैं।
जो कि कहीं ना कहीं शिक्षा व्यवस्था व शिक्षकों के आत्म सम्मान पर सवाल खड़ा करने वाली है।
यदि शिक्षा में शिक्षक का सम्मान आत्मसम्मान गौरव समाज में बढ़ाना चाहते हो तो सबसे पहले इस प्रकार के कृत्यों पर सभी को संगठित होकर समय-समय पर कुपोषण नीति का दमन करने के लिए अपनी आवाज सक्रिय करनी होगी।
जो कि यह कहना है शिक्षक संघ के अतुल सारस्वत जी का।
यह मामला कितना सही है इसकी सत्यता की पुष्टि हम नहीं करते हैं लेकिन दिए गए अमर उजाला के आर्टिकल में आप इसे देख सकते हैं।

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