फेसबुक इंस्टाग्राम और वाट्सअप रुकने से दुनियांभर मेँ खलबली मची ना ? अब पोस्ट पढ़िए

फेसबुक, इंस्टाग्राम और वाट्सअप रुकने से दुनियांभर मेँ खलबली मची ना ? अब पोस्ट पढ़िए..

ये मोनोपोली यानी एकाधिकार के साइड इफेक्ट हैँ।

सोचिये, भारत मेँ अडानी को एयरपोर्ट, रेल, सी पोर्ट देने के बाद... अडानी का सर्वर ठप्प पढ़ जाये तो पूरे देश मेँ ट्रांसपोर्ट रुकेगा ? कितने अरब का नुकसान होगा ? जब फेसबुक का रुका तो अडानी का नहीं रुक सकता क्या ?

दुनियां मेँ सबसे बड़ा लॉजिस्टिक्स कम्पनी है AP Molar Group जिसकी Maersk Line नामसे पानी के जहाजों की कंपनी भी है, कुछ साल पहले उसका सर्वर हैक हुआ और अरबों का नुकसान हो गया.. फ़्रांस को निकला माल ब्राज़ील के जहाज मेँ चढ़ गया..

मान लो भविष्य मेँ अडानी के विपरीत किसी की सरकार बनने पे अडानी दिवालिया होके विदेश भाग जाये तो ? हमारे देश के उत्पादन और लॉजिस्टिक्स यानी ट्रांसपोर्टेशन की क्या वाट लगेगी ? 

विजय माल्या भी एयरलाइन का मालिक था.. उसने तो खुद बनाई थी, खरीदी भी नहीं.. वो भी भाग गया ना.. सहारा श्री भी जेल मेँ है ना..

इसी लिए कह रहा हूँ, प्राइवेटाइजेशन से बड़ी समस्या ये है की Airport, Sea पोर्ट, रेलवे से लेके ज्यादातर सरकारी संपत्ति व धंधे अडानी और अम्बानी को देकर एकाधिकार स्थापित किया जा रहा।

आपको आखिरी उदाहरण दे रहा हूँ, टेलीकॉम सेक्टर का कोइ रिलायंस का कोइ कर्मचारी यदि निकाल दिया जाये और एयरटेल - VI (Vodaphone Idea) उसे ना ले तो भारत मेँ उसे कहीं नौकरी मिलेगी ? लाखों का आदमी तुरँत 2 कौड़ी का हो जायेगा ? एस्सार, यूनिनोर, टाटा डोकोमो इत्यादि संस्थाएं चलित होतीं तो वहां जा सकता था ना ? अब रिलायंस गाली भी दे तो चुपचाप काम करेगा क्योंकि विकल्प नहीं है।

एकाधिकार कभी किसी देश की जनता के लिए भला नही होता इसी सरकार का समर्थन करना है तो बेशक़ कीजिये लेकिन भारत को किसी उधोगपति के हाथो की कठपुतली मत बनाइये। देशभक्ति भारत से है.. किसी अम्बानी अडानी से नहीं.. #कालचक्र मेँ ऐसे कई आये कई गए..

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