लखनऊ : प्रदेश के 20 हजार से प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में शुक्रवार को राष्ट्रीय उपलब्धि यानी नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) की परीक्षा हुई। इसमें तीसरी, पांचवीं, आठवीं व 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों की गणित, विज्ञान, हंिदूी, सामाजिक विज्ञान विषय की दो-दो घंटे की परीक्षा स्कूलों में आयोजित की गई।
एससीईआरटी व सीबीएसई की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षकों के संयुक्त तत्वावधान में सर्वे करवाया गया। शुक्रवार को नेशनल अचीवमेंट सर्वे के तहत स्कूलों में लर्निंग आउटकम परीक्षा हुई। कोरोना संक्रमण के कारण लगभग डेढ़ साल तक प्रभावित रही शिक्षण व्यवस्था का असर परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों में साफ नजर आया। जब प्रश्न पत्र हल करने के दौरान उनके पसीने छूटते दिखे। अधिकांश बच्चों ने अपने स्तर के अनुरूप प्रश्न पत्र को कठिन बताया।
यहां बता दें कि शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा तीन साल बाद शैक्षिक स्तर के आकलन के लिए नेशनल अचीवमेंट सर्वे परीक्षा कराई जाती है। पिछले साल कोरोना के कारण यह परीक्षा नहीं हो सकी, लेकिन स्कूल खुलने के दो महीने बाद ही यह परीक्षा प्रस्तावित कर दी गई।
लर्निंग आउटकम परीक्षा में छूटे विद्यार्थियों के पसीने
अलग-अलग स्कूलों में कक्षा 3, 5, 8 तथा 10वीं के विद्यार्थियों की परीक्षा कराने के लिए पर्यवेक्षक तथा फील्ड इंवेस्टीगेटर नियुक्त किए गए थे। यह परीक्षा परिषदीय, प्राइमरी, जूनियर स्कूलों के अलावा माध्यमिक तथा सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में भी हुई। काफी समय तक स्कूल न खुलने का असर प्रश्न पत्र हल करने के दौरान विद्यार्थियों पर दिखाई दिया।
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