ये_कैसी_शिक्षा...???? भ्रम_अब_टूटना_चाहिए..

🏹 **    #ये_कैसी_शिक्षा...????

       #भ्रम_अब_टूटना_चाहिए....
       --------@@@@@-------
बारहवीं कक्षा का बच्चा पूछे गुरू गोविंद सिंग कौन है तो शर्म आती है ..जिन्हे पढ के संस्कार , राष्ट्र प्रेम ,साहस और वीरता   का सबक सीखना था वो General knowledge की चीज हो गए..

 किसी भी निर्माण मे 'आधार ' अहम होता  है .. बच्चों के निर्माण का आधार होती है प्राथमिक शिक्षा..!!!
ये वो समय होता है जब संस्कार रूपी धरा पर पहली बार ज्ञान का अंकुर फूटता है .. ..यही वो समय होता है जब उसके कोमल हृदय मे निर्माण की आधारशिला रखी जाती है ..यही वो समय होता है जब उसका मन रूपी पक्षी कल्पना के पंख लगाकर आसमान मे उड़ जाना चाहता है ..

#क्या_ये_अँग्रेजी_मे_संभव_है ..??   
नहीं ..

प्राथमिक शिक्षा मे दो विषय मुख्य होते  है ..भाषा(संस्कार)और गणित..!!!

गणित की बात करें तो पांच साल मे सिर्फ जोड़ना घटाना गुणा और भाग बस..इसे  करने के लिये भी english medium वाला बच्चा ट्यूशन का सहारा लेता है ...!!!
दूसरा विषय है  भाषा (संस्कार) ...!!!
अथाह.अनंत..जिसकी कोई सीमा नही ..अँग्रेज खुद भी आ जाएं तो भी अँग्रेजी मे संस्कार नही सिखा सकते,भाषा नहीं सिखा सकते और हम निकले हैं अँग्रेजी मे संस्कार देने...
अगर ये संभव है तो सिर्फ मातृभाषा मे...
 
पहली कक्षा(class-l)के बच्चे को पूरी रामायण सुना दो शाम को आपको वापस सुना देगा कोई कमज़ोर बच्चा नही मिलेगा जो न सुना सके..english medium का बच्चा  public school मे  लाखों खर्च करने के बाद भी ट्यूशन जाता है  ..कहते हैं बच्चा कमज़ोर है ..
        
दिमाग खराब हो गया है हमारा ...!!!मानसिक रोगी हो गये हैं हम...!!!अपने बच्चों को भी बना डाला...!!!
                
राम पढना था,रहीम पढना था,नानक पढना था,कबीर पढना था..बालक ध्रुव पढना था उपमन्यु पढना था..शिवाजी पढना था राणा प्रताप पढना था..चन्द्रगुप्त पढना था चाणक्य पढना था...
              
सब पढ लेता बच्चा पांच साल मे..
                 पर हम उसे Johnny Johnny Yes Papa पढाते रहे..(और उसे ये भी याद नही रहा मां बाप कौन हैं ..)

भाषा का अथाह सागर भी अगर किसी गागर मे समा सकता है तो वो है  मातृभाषा ...

मानसिक रुप से सशक्त होने के बाद बच्चा english भी आसानी से सीख सकता है!
परंतु बचपन मे  ही english थोपी गई तो उसका मन कुन्ठित हो जाएगा...उसका विकास रुक जाएगा...उसकी कल्पना को पंख नहीं मिलेंगे..उसके बाद वो रह जाता है तो बस  gone case..

अपने आस पास देखिये,अपने घर मे देखिए ,मनन कीजिए..

मृग तृष्णा का अंत जरूरी है ..भ्रम अब  टूटना ही चाहिए..

             आंखें खोलिये जनाब मनोज बोल रहा हूँ..

बचा लो बचपन

Education First
-जय हिंद.🌍

Post a Comment

0 Comments