बेसिक से लोग दो बातों में जलन रखते हैं । एक छुट्टी दूसरा वेतन छुट्टी- पहली बात छुट्टी मास्टर के कारण नही होती छुट्टी बच्चो के कारण होती है

बेसिक से लोग दो बातों में जलन रखते हैं । एक #छुट्टी दूसरा #वेतन।

#छुट्टी- पहली बात छुट्टी मास्टर के कारण नही होती , छुट्टी बच्चो के कारण होती है । क्या आम बच्चे 365 दिन पढ़ाई कर सकते हैं? और अगर 365 दिन पढ़ाई ही हुई तो क्या बच्चों का मानसिक स्तर सही रहेगा , नही ......वो मानसिक रूप से कमजोर हो जाएंगे क्योंकि पढ़ाई के साथ आराम भी चाहिए । अगर छुट्टी न हो तो अभिभावक कही घूमने भी नही जा सकते ।

दूसरी बात - आज़ादी के 70 सालों बाद भी सरकार स्कूल की दशा नही सुधार पाई है । आज भी बहुत से स्कूल ऐसे हैं जहां न बिजली न पानी ...ऐसे में अधिक ठंड या अधिक गर्मी में स्कूल बंद करना उनकी मजबूरी है।

अवकाश के दिनों में भी शिक्षक से अन्य विभाग में सेवा जैसा कि वर्तमान में शिक्षक से बी०एल०ओ कार्य व् बूथ संख्या और  चुनावी कार्य और मतगणना साथ ही साथ राशन वितरण कार्य व् डी०बी०टी फीडिंग और कॉविड वैक्सीनेशन में कमांडिंग सेंटर पर ड्यूटी जिले स्तर पर टीम बनाकर लगाई जा रहीं हैं ।

#वेतन-एक वो ही सरकारी कर्मचारी है जिसका वेतन आम जनता को भी पता है इसलिए द्वेष का शिकार है। शिक्षक का ग्रेड पे 4200 से शुरू है । इस ग्रेड पे के अन्य कर्मचारी हैं मार्किट इंस्पेक्टर , बॉट माप निरीक्षक आदि आदि । कभी दोनो के रहन सहन आदि की तुलना भी कर लेना । शिक्षक के पास सैलरी के अलावा कुछ नही । उसको अगर इन जैसों की बराबरी भी करनी हो तो अकेला नही कर पायेगा । अगर पति पत्नी दोनो सरकारी सेवा में हैं तभी उनका स्तर अच्छा होगा वरना नही ।

दूसरी बात - आप ये सब लिखा पढ़ पा रहे हैं तो ये एक शिक्षक की मेहनत का परिणाम है अतः उसके पारिश्रमिक का सम्मान कीजिये। अगर आप शिक्षक नही बन पाए तो अपने भाग्य या अपनी मेहनत को कोसिए , शिक्षक को नही

केंद्रीय विद्यालय जो कि केंद्र सरकार के अधीन है वहाँ कुल 82 दिनों का अवकाश व अन्य सुविधाएं है।

40 ग्रीष्मावकाश
10 शरद अवकाश दशहरा
20 शीतकाल अवकाश
12 - प्रति माह 2nd saturday का     
        अवकाश
कुलयोग = 82


आप चाहें तो वेरीफाई भी कर सकते है। ये अवकाश उनके शिक्षकों को भी मिलता है। जबकि केंद्रीय विद्यालय में शिक्षकों को इंफ्राट्रक्चर और अन्य सभी सुविधाएं बच्चो के बेहतर आधुनिक भवन और सबकुछ मिलता है जो सभी को मिलना चाहिए लेकिन राज्य स्तर पर यही बात आ जाए तो न तो भवन सुसज्जित मिलेंगे और नही अन्य कोई सुविधाएं इसीलिए हर जगह अध्यापक को ही मत कोसिए जैसा कि आप जानते हैं रात में कर्फ्यू लगाकर दिन में रैली आदि इसीलिए कभी खुद से भी विचार कीजिएगा कि हमने क्या चुना सब फ्री फ्री लेना या कभी यह भी मांग की कि देश की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था ज्यादा बेहतर हो और सभी को सही इलाज और बेहतर शिक्षा मिल सकें सभी युवाओं और महिलाओं माताओं बहनों को यह सोचना चाहिए।
आप सब फ्री फ्री न लेकर इसी को आप बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मांग करें तो हमारा देश और समाज जल्दी आगे बढ़ेगा।
UP बेसिक में जून माह की गर्मी वाली 15 दिन की छुट्टियों को काटकर जनवरी में पहले दी गयी है। इसके पहले यही 15 दिन या ज्यादा ही स्थानीय डीएम साहब के आदेश पर अवकाश घोषित होते रहे हैं।
पर इस बार 15 दिन की इस छुट्टी को आधिकारिक कर दिया गया तो और यह ब्रेकिंग न्यूज़ बन गयी।

अंत मे यही कहूंगा कि शिक्षक को भी अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए । ये ही एकमात्र पद है जिसमे समाजसेवा के साथ साथ राष्ट्र निर्माण की भावी पीढ़ी को भी आगे बढाने का अवसर मिलता है। जिसमे न राजनीति न द्वेष न छल की भावना पनपती है जहां सभी को समान मानते हुए सर्वगुण सम्पन्न नैतिक मूल्यों के साथ साथ प्रेम और सदभाव के साथ जीना सिखाया जाता है ।

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