शिक्षकों का सम्मान भावी पीढ़ी का भविष्य

एक शिक्षक का आप सभी के लिए एक संदेश जिस पर सभी विचार करिएगा व सभी खुद से ईमानदार व कर्मठ बने यही हमारी कामना है तो चलिए शुरुआत करते है जो कि किसी पुराने अध्यापक के द्वारा आपके लिए लिखा गया है यदि किसी को गलत लगे या सही उसके लिए आपके सामने इस संदेश को पहुचाने वाला जिम्मेदार नही होगा 
🙏शिक्षकों के शोषण के लिए एक और 'काला कानून- खूनचुसवा आदेश' न्यू रौलेट एेक्ट  फॉर द एक्सप्लोइटेशन ऑफ द टीचर्स🙏

सभी शिक्षकों के लिए एक संदेश जैसा कि महानिदेशक जी बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के दिनांक 8 जनवरी 2021 के आदेश से आप अवगत हुए होंगे जिसके अनुसार अब हम शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या  खंड शिक्षा अधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय के द्वारा विभाग को प्रेषित की जाएगी और इस गोपनीय/ **कोपनीय** आख्या को हमारे वेतन वृद्धि व पदोन्नति से जोड़ा जाएगा।                     
           मित्रों हम सभी बेसिक शिक्षा विभाग में  व्याप्त भ्रष्टाचार से भली - भांति परिचित हैं कि किस प्रकार से तमाम अधिकारी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं एवं हम शिक्षकों का शोषण करते रहे हैं ।  हमारे विभाग में जहां महिला शिक्षिकाओं से मातृत्व अवकाश हेतु भारी धनउगाही की जाती है एवं अनेक प्रकार से प्रताड़ित करने का कुचक्र होता है।कभी वेतन लगाने के नाम पर ,कभी एरियर कभी सत्यापन तो कभी भवन निर्माण की राशि में कमीशन,कभी फर्नीचर की राशि में कमीशन, कभी निरीक्षण, कभी ऑडिट के नाम पर धन उगाही .....यह लिस्ट खत्म ही नहीं होती....।आगे सरकार का नया पैतरा  50 वर्ष के ऊपर वालों की स्क्रीनिंग,इसके नाम पर  प्रति वर्ष अलग चढ़ावा।
 ऐसे में यह गोपनीय आख्या वाला नया आदेश जिसका भय दिखा कर वर्ष भर अनेक प्रकार से हमारा शोषण होगा प्रतिवर्ष जब वेतन वृद्धि का समय आएगा तो उसके पहले वृहद स्तर पर  वसूली प्रारंभ हो जाएगी और जो शिक्षक इसे देने से मना करेंगे व उनकी चापलूसी नहीं करेंगे, उन्हें विविध  प्रकार से प्रताड़ित किया जाएगा या यूं कहें कि उनका जीना दुश्वार कर दिया जाएगा।अंततः उन्हें सेवा से बर्खास्तगी की अनुशंसा तक कर दी जाएगी।
     मित्रों आपको अंग्रेजों द्वारा लाए गए The Anarchical and Revolutionary Crime Act of 1919 जिसे सर सिडनी रौलट की अनुशंसा पर लाया गया था आगे चल कर इसे रौलट एक्ट के नाम से जाना गया,जिसे हमारी भारतीय जनता के लिए काला कानून कहा गया ,जिसके द्वारा किसी भारतीय को गोपनीय जानकारी के नाम पर बिना मुकदमा चलाए कारावास में डाल देने का अधिकार अंग्रेजों को मिल गया था और चाह कर भी कोई इसके खिलाफ न्यायालय में अपील नहीं कर सकता था।साथियों कुछ इसी प्रकार का आदेश इन काले अंग्रेजों ने भी किया है जो हम शिक्षकों को गुलामी की जंजीर में जकड़ने के लिए कुछ मुट्ठी भर अधिकारियों को प्राधिकृत करता रहेगा। 
✊मित्रों यदि ये हमारी गोपनीय आख्या प्रस्तुत कर सकते हैं तो हम शिक्षक इनकी कार्यशैली की गोपनीय आख्या क्यों नहीं दे सकते?हम शिक्षकों को भी सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और अन्य अधिकारियों की कार्यशैली व दायित्व निर्वहन/प्रदर्शन पर अंक देने का अधिकार होना चाहिए।हमसे भी इनकी गोपनीय आख्या मांगी जानी चाहिए व इनके वेतन वृद्धि व पदोन्नति/पदावनति
से जोड़ा जाना चाहिए।✊   परंतु ऐसा कोई आदेश नहीं आएगा।
      अतः अब समय आ गया है कि इस आदेश पर आप सभी को विचार करके उच्च अधिकारियों को इन सभी समस्याओं से उन्हें अवगत करा देना चाहिए जिससे किसी के साथ गलत न हो सभी पूरी ईमानदारी के साथ कार्य करते रहें देश का भविष्य आप सभी शिक्षकों के भविष्य भावी पीढ़ी के विकास से जुड़ा है 
💐संघे शक्ति सर्वदा,शिक्षक एकता जिंदाबाद!🙏🙏🙏✊✊✊✊✊

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