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*देश-विदेश समाचार*
*(1) अरुणचाल प्रदेश और सिक्किम में चीन ने एलएसी के निकट हाल में अपने सैनिकों का जमावड़ा बढ़ाया है और बुनियादी सैन्य संरचना में भी बढ़ोत्तरी की है. इसके जवाब में भारतीय सेना ने माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प को एकीकृत युद्धक समूहों में परिवर्तित करके तैनाती शुरू कर दी है. संभावना व्यक्त की गई है कि अगले चार-छह महीनों के भीतर यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प को ऊंचे इलाकों में युद्ध लड़ने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है. जबकि अब इसे छोटे-छोटे युद्धक समूहों में परविर्तित कर तैनात किया जा रहा है ताकि त्वरित प्रतिक्रिया में सक्षम बनाया जा रहा है. सेना के सूत्रों के अनुसार, जमीनी स्तर पर युद्धक समूह तैनात किए जा रहे हैं. साथ ही इसके लिए सैन्य संरचना में आवश्यक प्रशासनिक बदलाव भी किए जा रहे हैं. माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प और एकीकृत युद्धक समूहों ने हाल में अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में युद्धाभ्यास भी किया था. सूत्रों के अनुसार, कम से कम चार समूह अब तक तैयार किए जा चुके हैं जिनकी संख्या में भविष्य में और बढ़ाई जाएगी. युद्धक समूहों में इंफेट्री, आर्टलरी तथा आर्मर्ड ब्रिगेड की यूनिटों को मिलाया गया है, जिनमें मूलत पैदल सैनिक, तोप वाले दस्त तथा शस्त्र वाहन दस्ते शामिल किये जा रहे हैं ।*
*(2) केंद्र सरकार और दुबई के बीच एक अहम समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत दुबई जम्मू-कश्मीर में निवेश करने जा रहा है. अब भारत की एयरलाइन गो फर्स्ट ने श्रीनगर और शारजाह के बीच उड़ानों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने का मामला सामने आया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने इस मामले में पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र को इस्तेमाल करने से पहले किसी पाकिस्तानी प्रशासन से अनुमति भी नहीं ली है. जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और यूएई के शारजाह के बीच सीधी उड़ान शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही विवाद सामने आ रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 23 अक्टूबर को श्रीनगर-शारजाह फ्लाइट को हरी झंडी दिखाई थी. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारतीय एयरलाइन ने कई बार पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि भारत की तरफ से पाकिस्तानी एयरस्पेस में प्रवेश करने की इजाजत भी नहीं ली गई थी ।*
*(3) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वेटिकन सिटी में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले कैथोलिक ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्यौता दिया है. पोप फ्रांसिस अगर यह न्योता स्वीकार लेते है तो उनकी यह पहली भारत यात्रा होगी. इससे पहले पोप जॉन पॉल द्वितीय वर्ष 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्रित्व काल में भारत आए थे. सूत्रों ने बताया कि वैटिकन में पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच 20 मिनट की ही मीटिंग तय थी, लेकिन दोनों के बीच करीब घंटे भर बातचीत चली. पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस ने गरिबी उन्मूलन और जलवायु परिवर्तन रोकने जैसे उपायों पर चर्चा की. इससे पहले भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया था, प्रधानमंत्री मोदी परम आदरणीय पोप से पहले व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे और उसके कुछ देर बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी. श्रृंगला ने बताया कि वेटिकन ने वार्ता के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया है. मेरा मानना है कि पंरपरा है कि जब परम आदरणीय (पोप) से चर्चा होती है तो कोई एजेंडा नहीं होता और हम इसका सम्मान करते हैं. मैं आश्वस्त हूं कि इस दौरान आम तौर पर वैश्विक परिदृश्य और उन मुद्दों को लेकर जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है चर्चा में शामिल होंगे ।*
*(4) दिवाली से पहले ही भारतीयों ने चीन का दिवाला निकाल दिया है. दिवाली से पहले चीन को बड़ा झटका लगा है और चीनी सामानों के बहिष्कार से ड्रैगन को करीब 50 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि चीनी सामानों के बहिष्कार के उसके आह्वान से चीन को इस त्योहारी सीजन में 50 हजार करोड़ रुपये के व्यापार के नुकसान का अनुमान है जबकि इस दौरान घरेलू स्तर पर ग्राहकी बढ़ने से अर्थव्यवस्था में दो लाख करोड़ रुपये की संभावना है. कैट ने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी कैट ने 'चीनी सामानों के बहिष्कार' का आह्वान किया है और देश के व्यापारियों एवं आयातकों ने चीन से आयात बंद कर दिया है ।*
*(5) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश में अपना आधार बढ़ाने के लिए संघ की ओर से अयोध्या में राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने के अभियान में शामिल हुए श्रीराम भक्त स्वयंसेवकों को स्थायी सदस्यता देने पर विचार कर रहा है. यह जानकारी संघ के एक शीर्ष पदाधिकारी ने शुक्रवार को दी. संघ ने पर्यावरण, पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न समुदायों और धर्मों के बीच समाजिक सौहार्द्र को बढ़ावा देने पर भी जोर देने का फैसला किया है. कर्नाटक के धारवाड़ में चल रही अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक में जिन बिंदुओं पर चर्चा हुई है, उसकी जानकारी देते हुए संघ के संयुक्त महासचिव अरुण कुमार ने कहा कि अधिकतर परिवारों तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित करते हुए संघ, श्री राम जन्मभूमि न्यास के चंदा एकत्र करने के अभियान से जुड़ा था ।*
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