बदलते वक्त के साथ लोगों के होली खेलने का तरीका भी बदलता जा रहा है। आप सभी को HOLI की हार्दिक शुभकामनाएं और बहुत बहुत बधाई

होली का महत्व
इस अवसर पर होली की बधाई देने हेतु प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चो को होली खेलने के तौर - तरीके के बारे में बताया जिसमे सभी प्राथमिक विद्यालय ( सरकारी स्कूल ) के बच्चे सुमन कुमारी , गोपाल, गोविंद,अंजली कुमकुम, वेदप्रकाश,शिवम , श्याम , आस्था , अरून, मयंक , प्राची, प्रवीन, अमृता,कान्हा, मयंक , तनु, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित हुए। 
अब आप सभी के लिए हम सुंदर सा लेख प्रतुस्त करने जा रहें हैं।
भारतीय संस्कृति और सभ्यता के अनुसार होली का त्यौहार प्राचीन काल से पारंपरिक तरीके से मनाया जाता रहा है। सामाजिक, अध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से यह त्यौहार प्यार और भाईचारे का प्रतीक है। परंतु बदलते वक्त के साथ होली मनाने के तौर तरीकों में भी काफी बदलाव हुआ है। आजकल के लोगों की मानसिक दुर्बलता और व्यावहारिक अश्लीलता की वजह से होली खेलने वाले लोगों की संख्या में काफी भारी कमी हुई है। क्योंकि हर साल होली खेलने का दौरान हिंसा की घटनाएं देखने को मिलती है। अगर आप हमारे बातों की सत्यता परखना चाहते हैं तो होली के दूसरे दिन अखबार जरूर पढ़ें। आपको निश्चित ही हमारे विचारों की सत्यता पर विश्वास हो जाएगा। हां तो इस आर्टिकल में हमने होली के संदर्भ में अपने कुछ व्यक्तिगत सुझाव शेयर किए हैं। जिन को ध्यान में रखकर आप इस होली को आदर्श होली बना सकते हैं।
होली कैसे मनाया जाता है
होली के दिन लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर एक दूसरे के गले मिलते हैं। जिसे होली मिलन कहा जाता है। परंतु आजकल लोग इस परंपरा की आड़ में अपने हृदय की ईर्ष्या,द्वेष या पुरानी दुश्मनी निकालते हैं। जैसे किसी पर गंदी नाली का कीचड़ डाल देते हैं। किसी की आंखों में धूल मिट्टी डाल देते हैं। किसी के कपड़े फाड़ देते हैं या अनेकों प्रकार से बदला ले लेते हैं। जिसकी वजह से कई बार झगड़े और मारपीट तक हो जाती है। होली का उत्सव इसलिए मनाया जाता है कि हम लोग नफरत और भेदभाव को भुलाकर एक-दूसरे के हित की सोचें। किंतु होली खेलने के बाद भी हमारे मन से ईर्ष्या, द्वेष और नफरत ना मिटे तो होली खेलने का कोई विशेष महत्व नहीं रह जाता।

नशीली चीजों का सेवन करने से बचें

होली के दिन लोग अपने मित्रों और संबंधियों को अपने घर बुलाकर तरह-तरह के पाकवान खिलाते हैं। परंतु आजकल ज्यादातर लोग गांजा, भांग और शराब जैसी नशीली चीजों का सेवन करते और कराते हैं। जिसके परिणामस्वरूप कई बार लोगों की तबीयत खराब हो जाती है। कभी-कभी तो लोगों की जान तक चली जाती है। नशे की वजह से होली के रंग में भंग तो होता ही है, इसके साथ-साथ हमारे आपसी रिश्ते भी खराब हो जाते है। इसलिए हम
लोगों को ऐसी चीजों से बचना चाहिए।

होली का रूपांतरण

 बदलते वक्त के साथ लोगों के होली खेलने का तरीका भी बदलता जा रहा है। पुराने समय में होली खेलने के पश्चात शाम को सभी ग्रामीण टोली बनाकर बारी-बारी से सबके घर जाते थे और ढोल बजा-बजाकर फगुआ और चैतावर गाते थे। जो बड़ा मनमोहक लगता था। लेकिन आजकल तो लोग कानफोड़ू डीजे पर अश्लील गाने बजा कर ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं। हमें याद आता है वह दौर जब हम लोग अपने भाभीयों के साथ होली खेलने में शर्माते थे। इसलिए हम उनके सिर पर गुलाल लगाकर उनके पैर छूकर भाग लेते थे। आजकल तो लोग अपने मन में दुर्भावना और आंखों में कुदृष्टि लिए रिश्तों की मर्यादा को भूलकर भाभीयों और स्त्रियों के निजी अंगों को स्पर्श करने का प्रयास करते करते हैं। मेरे कहने का ये मतलब नहीं है कि सभी लोगों ऐसे ही हैंं परंतुु कुछ लोगों की ऐसी सोच इस पावन पर्व के पवित्रता पर सवाल खड़े करती है।

ऐसे मनाएं आदर्श होली
खैर अगर इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो होली का त्यौहार निश्चित ही हमारे आपसी रिश्तो की दूरियों को भरने का काम करती है। होली केवल रंगो का त्यौहार नहीं है यह त्यौहार है प्यार और भाईचारे का। दरअसल होली का उद्देश्य ही है दिलों को जोड़ना बेरंग दिलों में खुशियों के रंग भरना। इसलिए आप भी सभी शिकवे गिले भूलकर होली खेलना और किसी के साथ कोई दुश्मनी हो तो उसे माफ करके उसको भी गले लगा लेना। और मेरी एक बात हमेशा याद रखना आप किसी को रंग लगाओ या ना लगाओ। किसी के बेरंग जिंदगी में खुशियों के रंग भरने का प्रयास जरूर करना। क्योंकि होली में बनावटी रंग लगाने से बेहतर है किसी के उदास जीवन में खुशियों के रंग जरूर भरना।

सावधानी से खेले होली

आखिर में हम आपसे यही कहना चाहेंगे कि अबकी बार आपको होली खेलना मगर सावधानी के साथ क्योंकि रंगों में खतरनाक रासायनिक मिश्रण होते हैं जो हमारे त्वचा और आंखों के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा नेचुरल गुलाल से होली खेलने की कोशिश करना चाहिए। ताकि रंगों को साफ करने में ज्यादा पानी बर्बाद ना हो और किसी को कोई नुकसान भी ना हो। होली खेलने के बाद स्नान जरूर करना चाहिए। और अपने बदन के रंगों साथ-साथ अपने मन के मैल को भी साफ कर दें। मगर ध्यान रहे आपके दिल पर जो प्यार और भाईचारे का रंग लगा है उसे कभी उतरने मत दिजियेगा।
आप सभी दोस्तों को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं

आपका अपना
जगवीर चौधरी।
धन्यवाद !

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