मैडम जी admission कराने है lll
खुशी से भर जाती हूँ...
ये सुन कर....
उठाती हूँ कलम....
और लिखने लगती हूँ...
नाम क्या है...
मैडम जी घर में तो सब कल्लू कहत हैं
आप जो चाहो लिख लियो ...
देखती हूँ उसका चेहरा...
सोचती हूँ एक नाम...
बच्चा मुस्कुरा उठता है...
एक नया नाम पाकर...
बात आगे बढ़ती है...
जन्मतिथि पता है...
अरे मैडम जी हम का जाने जे सब...
अच्छा उम्र क्या है....
मैडम जी ठीक ठीक तो सुत्त नाहीं...
6 वीं में चल रहो है...शायद
आधार बनवाना पड़ेगा।।।
अरे मैडम जी आपई बनवाए दियो
बातों ही बातों में पूछ लेती हूँ...
कितने पढ़े लिखे हो आप...
वो तपाक से जवाब देते हैं...
5 वें तक पढ़े फिर अम्मा नहीं रही तो...
काम करन लगे हते....
एडमिशन फॉर्म का ये प्रश्न मुझे कतई पसंद नहीं पर सकुचाते हुए पूछ लेती हूं ......
आपकी जाति क्या है
वो जवाब देते हैं
मैं लिख देती हूं .....
तो बच्चे को कभी कुछ सिखाते हो आप....
अरे मैडम जी जो तौ तुम्हाओ काम है...
अब school में आओ है...
पढ़ेगो....तभई तो सीखिए कछु.....
अच्छा ठीक है... रोज स्कूल भेजना..
हौ मैडम... अगर जे पढ़े न तो खाल उधेड़ दियो हम कछु ना कहिए.....
अभी तक जिसने pencil नहीं पकड़ी
हो गया एक और दाखिला
कक्षा एक में ऐसे 6 साल के बच्चे का
जिसे साल के कुछ महीनों में
कविता कहानी पढ़ने लायक बनाना है .....
जाते जाते....
अच्छा मैडम जी हमने सुनी है सरकार हर महीना बच्चन के खाता में रुपैया भेजत है.... तौ बे कब तक आइए...
ड्रेस, जूता मोजा और बस्ता के भी पैसे ही आने है का.....
और राशनउ बटो जात है ll
मन उदास हो जाता है...
सोचने लगता है
काश...
कोई बच्चों की बात करे...
उनकी शिक्षा की बात करे...
उनके विकास की बात करे...
उनकी पसंद और नापसंद की बात करे...
बात करे उनकी ताकत और कमजोरियों की...
बात करे उनकी सुविधा असुविधा की...
बात करे उनके कच्चे पक्के प्रयासों की...
बात करे उनके जीवन को बेहतर बनाने की...
पर मेरा काश..
काश ही रह जाता है...
लग जाती हूँ.....
एक बदलाव की कोशिश में... कि धीरे धीरे ही सही पर शायद कभी तो होगा llll
Mayanka sharma
PSCC MAINPURI
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